Jul 19, 2020
रूपेश गुप्ता : छत्तीसगढ़ के पारम्परिक हरेली पर्व से प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना का प्रदेश व्यापी शुभारंभ होगा। बता दें कि, गोधन न्याय योजना ग्रामीणों, किसानों एवं पशुपालकों को लाभ पहुंचाने की एक अभिनव योजना है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा इसकी शुरूआत 20 जुलाई से हरेली पर्व से राज्य में की जा रही है।
2 रूपये किलो की दर से की जायेगी गोबर की खरीदी
इस योजना के तहत किसानों एवं पशुपालकों से दो रूपए किलो की दर से गोबर की खरीदी की जाएगी, जिसके जरिए गौठानों में बड़े पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट खाद का निर्माण एवं अन्य उत्पाद तैयार किए जाएंगे। इससे गांव में लोगों को रोजगार एवं आर्थिक लाभ प्राप्त होगा। राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। गोधन न्याय योजना के तहत प्रदेश में प्रथम चरण में ग्रामीण क्षेत्रों के 2408 और शहरी क्षेत्रों के 377 गौठानों में गोबर की खरीदी प्रारंभ की जाएगी। चरणबद्ध रूप से सभी 11 हजार 630 ग्राम पंचायतों में गौठान का निर्माण पूरा होने इस योजना के तहत वहां भी गोबर खरीदी की जाएगी।
छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती
गांव और किसानों की बेहतरी के लिए सुराजी गांव योजना के तहत नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी के संवर्धन और संरक्षण के कार्य किए जा रहे हैं। इसके अंतर्गत गांव में वर्षा जल की रोकथाम के लिए नरवा (नाला) का उपचार कराए जाने के साथ ही पशुओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए गौठानों का निर्माण कराया जा रहा है। घुरवा कार्यक्रम के तहत गांव में नाडेप एवं वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन की ओर ग्रामीणों एवं किसानों का रूझान बढ़ा है। राज्य में निर्मित गौठानों में बड़े पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट खाद का उत्पादन भी किया जा रहा है। बाड़ी विकास कार्यक्रम से गांव में सब्जी-भाजी के उत्पादन को बढ़ावा मिला है। महिला समूह अब सामूहिक रूप से सब्जी उत्पादन के कार्य से जुड़े हैं। इन योजनाओं के माध्यम से छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। राज्य में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज्य का सपना मूर्त रूप लेने लगा है।