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महासमुंद में किसानों के साथ धोखाधड़ी का मामला उजागर, इंसाफ के लिए कलेक्टर से लगा रहे गुहार

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Oct 23, 2019

रेखराज : महासमुंद जिले में किसानों के साथ धोखाधड़ी के मामले दिनोदिन बढ़ते जा रहा है। ताजा मामला काला धान लगाने के नाम पर सैकड़ों किसानों से ठगी का सामने आया है। 9 जिलों के किसानों से हजारों क्वींटल धान खरीदने के बाद अब एक कंपनी किसानों को पिछले 1 साल से रूपये देने के लिए घुमा रहा है। किसान सालभर से रूपये के लिए संबंधित फर्म का चक्कर लगाकर थक गये है और अब इंसाफ के लिए एसपी कलेक्टर से गुहार लगा रहे है ये रिपोर्ट देखिये....

9 जिलों के किसानों से ठगी का मामला उजागर
महासमुंद जिले सहित प्रदेश के 9 जिलों के किसानों से ठगी का मामला सामने आया है। 9 जिलों के करीब 15 से 16 सौ किसानों से आग्रेनिक खेती के रूप में काले धान की खेती महासमुंद निवासी डॉ. आर के सेन के द्वारा मसीजा फूड एग्रोटेक कंपनी के माध्यम से कराया गया था। जिसके तहत ग्रीन प्लानेंट एग्रीकल्चर प्रोडेक्ट के तहत प्रदेश के 9 जिले महासमुंद, गरियाबंद, धमतरी, बलौदाबाजार, दुर्ग, बालोद और बेमेतरा के लगभग 15 से 16 सौ किसानों को 50 रूपये किलो की दर से एवं 20 किलो प्रति एकड़ के हिसाब से किसानों को काला धान का बीज दिया गया और उनसे एग्रीमेंट कराया गया कि धान का उत्पादन होने के बाद 2600 सौ प्रति क्विंटल के हिसाब से धान खरीदेगें।

उत्पादन देर से होने के कारण किसान परेशान
किसानों ने झांसे में आकर काले धान के बीज को अपने खेतों में लगा लिया। धान का उत्पादन देर से होने के कारण किसान परेशान थे। जिसके बाद डॉ. सेन के द्वारा किसानों से काले धान को महासमुंद के एक राइस मिल में मगाया गया। जहां कुछ किसानों को कुछ राशि दिये गये और शेष राशि बाद में देने को कहा गया। रूपये नहीं मिलने से परेशान किसान पैसे के लिए शिकायत करना शुरू किये तो उन किसानों को चेक दिया गया, जो बांउस हो गया। 9 जिलों के किसानों ने 3 हजार एकड़ की लगभग 12 हजार क्वींटल धान को 26 सौ रूपये की दर से बेचा है जिसकी कुल कीमत 3 करोड़ 12 लाख रूपये है। अब रूपये नहीं मिलने पर किसान आत्महत्या करने की बात कह रहे है।

किसान कर्ज में डूबे
किसानों से ठगी का मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने भी इसे गंभीरता से लिया है औऱ पूरे मामले में महासमुंद एसपी शिकायत मिलने की बात स्वीकार करते हुए जल्द से जल्द किसानों का पैसा दिलाने की बात कह रहे है। गौरतलब है कि किसानों से धान का उचित मूल्य मिलने औऱ नये पद्धति के तहत धान की खेती करने की बात सामने आने पर काले धान की खेती की थी लेकिन मसीजा फूड एग्रोटेक कंपनी की जालसाजी के चलते आज किसान कर्जों में डूब गये है औऱ प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रहे है। बहरहाल देखना यह होगा की किसानों से एक बड़े पैमाने पर ठगी का मामला सामने आने के बाद अब प्रशासन और पुलिस निजी कंपनी पर किस तरह से कार्रवाई करती है।