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बु​नियादी सुविधाओ से वंचित गांव में पहुंचे कलेक्टर, लोगों के बीच जगी उम्मीद की किरण

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Jul 5, 2018

जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलो मीटर दूर सुदुर वनांचल घने जंगलों के बीच बसा छोटा सा गांव गांहदर यह गांव बारुका ग्राम पंचायत का आश्रित ग्राम है यह गांव विकाश और मूलभूत सुविधा से कोसो दूर है यहां पहुचने के लिए उबड़-खाबड़, पथरीली, पहाड़ी एवं कच्ची पगडंडि मार्ग से गुजर कर जाना पड़ता है,

आधुनिक तेज रफ्तार चकाचौंध से भरी दुनिया में आज भी ऐसे गांव है जहां के लोग टीवी तक नही देखे है,जहां पूरी जिला प्रशासन अमल पहुँची, ये कह सकते है कि आज आजादी के 70 दशक के बाद शासन प्रशासन इस गांव तक पहुची है , ग्राम गांहन्दर पहुचने के लिए पक्की मार्ग नही है बावजूद पथरीली उबड़ खाबड़ मार्ग से होते मोटर सायकल में सात किलोमीटर की दूरी तय कर जिले के कलेक्टर श्याम धावड़े अपने अधिनस्त जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ आदिवासी बाहुल्य एवं घने वनों के बीच बसे ग्राम गांहदर पहुंचे।

अपने बीच जिले के सबसे बड़े अधिकारी को देखकर ग्रामीण गदगद हो उठे ग्रामीणों के आंखों के उम्मीद की नई किरण जाग उठी। आप को बता दे यहां केवल 21 परिवार निवास कर रहे हैं। जिले में विकास की गति को तीव्रता प्रदान करने कलेक्टर श्याम धावड़े एवं जिला पंचायत सीईओ विनीत नंदनवार लगातार दूरस्थ क्षेत्रों का दौरा कर विकास कार्यों का स्वयं जायजा ले रहे हैं साथ ही कलेक्टर अपने अधिकारियों के साथ गांव का पैदल भ्रमण भी किया ,गांव में बिजली की सब से बड़ी समस्या है,शाम होते ही कई जंगली जानवरो का खतरा ग्रामीणों के बीच बना रहता है ग्रामीणों ने बिजली लगाने की मांग जब मौके पर पहुचे कलेक्टर से की तो तत्काल कलेक्टर ने 15 दिवस के भीतर सोलर लाईट से चलने वाले बल्ब लगाने के निर्देश क्रेडा विभाग को दिये, साथ ही घने जंगलों के बीच ग्राम गांहदर में चैपाल लगाया गया जहां ग्रामीणों ने बताया कि गाहंदर तक पहुच मार्ग नही होने के कारण कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बरसात में गांव पहुच माँर्ग बंद हो जाता है । ग्रामीणों के सुझाये मार्ग के अनुसार चिंगरापगार से बारूका तक 5 किलोमीटर सड़क बनाने की आवश्यकता है।

कलेक्टर एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने इस मार्ग का पैदल चल कर मुआयना किया और मुख्य सड़क पर स्थित ग्राम बारूका पंहुचे । कलेक्टर ने कुसुम पेड़ के नीचे बने रंगमंच में चैपाल लगाकर
गंभीरता के साथ लोगों की समस्या सुनी। कलेक्टर ने सभी पात्र परिवारों को वन अधिकार पट्टा व उज्ज्वला गैस कनेक्शन देने के निर्देश दिये, साथ ही गांव की बबचो से रूबरू हो कर सभी बच्चो को स्कूल, छात्रावास में भेजने के लिए पालकों को प्रेरित किया।