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कोरबाः शमशान भूमि पर कब्जे का विवाद गहराया, महिलाओं की टोली शेष कब्जे को हटाने के लिए पहुंची

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Nov 13, 2019

मनोज यादव - रिसदी में जमीन विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। रिसदी में शमशान भूमि पर कब्जे का विवाद गहराने लगा है। मंगलवार को एक बार फिर महिलाओं की टोली शेष कब्जे को हटाने के लिए पहुंची तो 112 की टीम भी मौके पर पहुंची और आक्रोशित पक्ष को समझाइश देने लगी।

ग्रामीणों की माने तो उनकी पुश्तैनी जमीन को अवैध कब्जाधारी कब्जा कर भवन का निर्माण कर रहे हैं। इसकी शिकायत किए जाने के बावजूद भी वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। एक दिन पहले ही वह अवैध कब्जा को महिला समिति ने ढहाया था। उसके बाद भी निर्माण कार्य नहीं रुका तो महिलाएं दल बल के साथ फिर से भवन निर्माण को ढहाने लगी। महिलाओं की माने तो विवेकानंद एजुकेशन एंड इंस्टिट्यूट के नाम पर बिल्डिंग खड़ा किया जा रहा है। बस्ती वालों की सुने तो यह पूरा काम अवैध कब्जा का है। यह वही क्षेत्र है जहां वर्षों पहले देबू कंपनी ने पावर प्लांट लगाने के लिए जमीन का अधिग्रहण किया था। अधिग्रहण के पश्चात जिनकी जमीन ली गई थी उन्हें मुआवजा भी दिया गया था। विडंबना यह थी कि देरी होने के साथ ही मुआवजा पाने वाले फिर अपने स्थान पर काबिज हो गए और इस जमीन को मुक्तिधाम के लिए देबू ने अर्जित किया था। लेकिन अवैध कब्जा धारी मुक्तिधाम की जमीन पर कब्जा करने से बाज नहीं आ रहे हैं। इसे लेकर महिलाएं विरोध प्रदर्शन कर रही हैं।

पुलिस ने कंस्ट्रक्शन के ठेकेदार और इंजीनियर से की बात

घटना की सूचना मिलते ही निगम के अधिकारी कर्मचारी मौके पर पहुंचे लेकिन महिलाओं का विरोध देख वह भाग खड़े हुए। वहीं इसकी सूचना 112 और बालको थाना प्रभारी को दिया गया। जहां दल बल के साथ वह मौके पर पहुंचे और महिलाओं की समस्याएं से अवगत होने के साथ-साथ उन्हें समझाईस दी गई कि वो तोड़फोड़ ना करें। पुलिस ने कंस्ट्रक्शन के ठेकेदार और इंजीनियर को भी बुलवाया और महिलाओं के सामने जमीन के दस्तावेज संबंधित बात की गई। इस दौरान दस्तावेज पेश नहीं किए जाने पर महिलाओं ने काम रुकवा दिया और जब तक इसका पटाक्षेप नहीं होगा, तब तक भवन निर्माण नहीं होने देने की महिलाओं ने बात कही।