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नहीं थम रहा मवेशियों की मौत का सिलसिला, 15 मवेशियों की फिर हुई मौत

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Aug 31, 2017

बालोद : सत्ता के सिंहासन में बैठे छत्तीसगढ़ और केंद्र सरकार गौ रक्षा के नाम करोड़ों रुपए का अनुदान गौशाला संचालकों को दे रही हैं। बावजूद इसके कई मवेशियों की आकाल मौत भूख से हो रही हैं। दरअसल गौशाला संचालकों द्वारा गौ सेवा का दिखावा कर इसे एक पैसे कमाने का जरिया बना रखे हैं। जिसके कारण गौशालाओं में लगातार मवेशियों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा हैं।

कुछ दिनों पूर्व दुर्ग जिले के गौशालाओं में लगभग 250 मवेशियों की मौत के बाद दुर्ग जिले के राजपुर शगुन गौशाला से 150 मवेशियों को बालोद जिले के तीन गौशाला महावीर गौशाला में 40 मवेशी, गोपाल सेवा सदन अवारी नाला डौनडी में 76 मवेशी और श्री कृष्ण गौशाला मड़वापथरा में 34 मवेशियों को छोड़ गया था, जिनमें से अब तक 15 मवेशियों की मौत हो चुकी हैं।  

बालोद पशु चिकित्सा विभाग के उपसंचालक आरएस मौर्या की माने तो दुर्ग से लाए गए मवेशी काफी कमजोर हैं। इनमें से 55 मवेशियों की हालात गंभीर बनी हुई हैं जिनका लगातार इलाज किया जा रहा हैं।

प्रदेश में मवेशियों की मौत के बाद अपने आपको गौ सेवक कहलवाने वाले अलग-अलग पार्टियों के नेता अपनी राजनीतिक रोटी सेकने में लगे हैं। दूसरी तरफ गौशालाओं में मवेशियों की मौत का सिलसिला जारी हैं।