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धमतरीः पाहंदा जंगल में दो हिरण एक कोटरी की जहरीली पानी पीने से मौत की आशंका

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Jun 13, 2019

टी.एल. सिन्हा- विकासखंड मगरलोड से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत पाहंदा के जंगल कक्ष क्रमांक 114 में गांव से 1 किलोमीटर की दूरी पर दो हिरण जिसमें एक नर एक मादा एवं एक मादा कोटरी की मौत हुई है। उत्तर सिंगपुर मोहदी वन परिक्षेत्र अधिकारी कर्मचारियों को जानकारी होने के बाद आरोपी की तलाश में जुटे हुए हैं। वन्य पशु की मौत होने से वन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।

तीनों का किया गया दाह संस्कार, वन विभाग को आरोपी की तलाश

धमतरी से पशु चिकित्सकों के द्वारा पोस्टमार्टम कराने के बाद  तीनों के शव को दाह संस्कार किया गया। सभी के शरीर के अंगों का सैंपल जांच के लिए लिया गया है। नर मादा हिरणों की उम्र 2 साल, 3 साल एवं कोटरी 2 वर्ष की आंकी गई है। वन कर्मचारियों से मिली जानकारी के अनुसार मौत का कारण दूषित पानी बताया जा रहा है, लेकिन मौके पर देखने से पनवई नाला के पास मिले पानी के आसपास यूरिया का चिन्ह अभी भी स्पष्ट दिखाई दे रहा है, जो संभवत पानी में घूले यूरिया के पीने से हिरणों की मौत हुई होगी।

शिकारी यूरिया जैसे जहरीली वस्तुओं को डालकर हिरणों को मौत के घाट उतार रहे

वन कर्मचारी को गश्त के दौरान तीन जंगली पशुओं की मौत जानकारी होने पर उच्च अधिकारियों को अवगत कराया। वन्य जीवों की मौत सोची समझी साजिश के तहत होने का अनुमान है। शिकारी अपना शिकार यूरिया जैसे जहरीली वस्तुओं को डालकर हिरणों को मौत के घाट उतार रहे हैं। इस मामले में वन विभाग द्वारा पीआरओ 8075/15 दर्ज कर मामले की विवेचना कर रहे हैं। वन कर्मचारियों एवं ग्रामीण जयनारायण कृष्णा साहू, गंगाराम भीखम, मनोज ध्रुव, देवगांव पाहदा धनबुडा निवासियों के सामने पंचनामा किया गया।

लगातार गश्त नहीं होने के कारण वन्य जीव जंतु की सुरक्षा नहीं हो पा रही

सरपंच पाहन्दा घूरसिंह नेताम ने कहा कि वन विभाग को जंगल के अंदर साफ पानी की व्यवस्था करनी चाहिए। लगातार गश्त नहीं होने के कारण वन्य जीव जंतु की सुरक्षा नहीं हो पा रही है। इसके लिए उच्च अधिकारी ही दोषी है उनके ऊपर जांच कर कार्रवाई होनी चाहिए। वन कर्मचारियों द्वारा दर्रा नाला के डबरा से गीली मिट्टी का सैंपल जांच के लिए भेजा गया है जिसमें यूरिया होने की आशंका है। इस संबंध में उत्तर सिंगपुर मोहन्दी वन परिक्षेत्र अधिकारी व्हाय के डायरिया ने कुछ भी प्रतिक्रिया देना उचित नहीं समझा। उच्च अधिकारी कुछ कहने से पल्ला झाड़ गये।