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जगदलपुरः एनएमडीसी लौह अयस्क के 13 नंबर डिपॉजिट को अडानी को बेचे जाने के विरोध में 4 दिनों से धरना प्रदर्शन

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Jun 11, 2019

आशुतोष तिवारी- दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल में स्थित एनएमडीसी लौह अयस्क के 13 नंबर डिपॉजिट को अडानी को बेचे जाने के विरोध में पिछले 4 दिनों से हजारों की संख्या में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। आदिवासियों के समर्थन में बीते 3 दिनों से पूर्व मुख्यमंत्री व छत्तीसगढ़ जनता अजीत जोगी ने कल जगदलपुर में प्रेस वार्ता को संबोधित किया। अजीत जोगी ने कहा कि दोनों सरकार की मिलीभगत से इस खदान को बेचे जाने की साजिश रची जा रही है। जो कि 13 नंबर खदान पर नंद राज के पहाड़ी पर आदिवासियों के कुलदेवता नंदराज का मंदिर है, बावजूद इसके आदिवासियों के धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने के लिए दोनों सरकार मिलीभगत कर इस खदान को अडानी को बेचने के फिराक में है।

लगातार दो दिनों तक आदिवासियों के धरना प्रदर्शन में शामिल होने के बाद अजीत जोगी कल जगदलपुर पहुंचे। प्रेस वार्ता को संबोधित किए। जोगी ने कहा कि तत्काल इस फैसले को निरस्त कर देना चाहिए, वरना आगामी दिनों में होने वाले हिंसात्मक लड़ाई के जिम्मेदार सरकार होगी।

स्थानीय वन विभाग से बिना अनुमति लिए ही अंधाधुंध पेड़ों की कटाई की जा रही

किरंदुल में आदिवासियों के धरना प्रदर्शन में शामिल होने के बाद जगदलपुर पहुंचे अजीत जोगी ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि एनएमडीसी के डिपॉजिट नंबर 13 में धड़ल्ले से वनों की कटाई की जा रही है और अब तक 25000 से अधिक पेड़ों की कटाई कर दी गई है। इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि यह फैसला स्थानीय वन विभाग से बिना अनुमति लिए ही अंधाधुंध पेड़ों की कटाई कर दी गई है। जोगी ने भूपेश सरकार और वन मंत्री मोहम्मद अकबर पर निशाना साधते हुए कहा कि दोनों ही मंत्री के मिलीभगत से पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हुई है। जिसके जिम्मेदार दोनों मंत्री हैं। जोगी ने कहा कि अगर इस टेंडर को निरस्त नहीं किया जाता है तो इस वन कटाई के खिलाफ वे सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और पीटीशन डायर करेंगे। जोगी ने कहा कि राज्य सरकार चाहे तो इसे एमओयू कैंसिल कर सकती है क्योंकि एमओयू ए में उनके दस्तखत हैं।

आदिवासी के बर्दाश्त के बाहर होने पर हिंसात्मक लड़ाई हो सकती है

इसके अलावा जोगी ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकार पिछले 4 दिनों से धरना प्रदर्शन पर बैठे आदिवासियों की परीक्षा ले रही है लेकिन जिस दिन आदिवासी बर्दाश्त के बाहर हो जाएंगे तो यह हिंसात्मक लड़ाई हो सकती है और बस्तर में भूमि कॉल दोबारा दोहराया जा सकता है। आदिवासी कानून अपने हाथ में लेते हुए हिंसात्मक लड़ाई लड़ सकते हैं हालांकि इस लड़ाई से आदिवासियों को नुकसान होगा क्योंकि उनके पास पारंपरिक हथियार है तो पुलिस के पास अत्याधुनिक हथियार है ऐसे में आदिवासियों को इसका भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है इस वजह से दोनों सरकार को इस टेंडर को निरस्त कर देना चाहिए इससे पहले कि आदिवासियों और प्रशासन के बीच हिंसक लड़ाई हो।

कुछ आदिवासी संवेदनशील मंत्री हैं जो आदिवासियों की समस्याओं से भलीभांति हैं वाकिफ

इसके अलावा अडानी को खत्म कैसे जाने की वित्त में छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस द्वारा कोर्ट जाने के सवाल पर अजीत जोगी ने कहा कि राज्य सरकार के कुछ आदिवासी संवेदनशील मंत्री हैं जो आदिवासियों की समस्याओं से भलीभांति वाकिफ है। उनसे उम्मीद है कि वह इस एमओयू को तो करवा सकते हैं। कवासी लखमा बस्तर से ही हैं और प्रदेश के उद्योग मंत्री हैं और वह मेरे साथ काफी लंबे समय से रह चुके हैं, ऐसे में उनसे उम्मीद है कि वे आदिवासियों के धार्मिक भावना को ठेस नहीं पहुंचाएंगे और इस टेंडर को निरस्त करवा सकते हैं। अजीत जोगी ने मजाकिया अंदाज में कहा कि फिलहाल मंत्री कवासी लखमा कनाडा में हैं और वह ऑटोमोबाइल की फैक्ट्री देखने गए हुए हैं जबकि छत्तीसगढ़ में ऑटोमोबाइल के लिए दूर-दूर तक कोई उम्मीद नहीं है। कनाडा में ऑटोमोबाइल का नट बोल्ट तक नहीं बनता और अगर उन्हें जानकारी लेने हेतु जाना ही था तो जर्मनी, चाइना जाना चाहिए था। 

नक्सलवाद बढ़ने का मुख्य कारण बस्तर में सलवा जुडूम

इसके अलावा उन्होंने नक्सलवाद के मुद्दे पर कहा कि जब वह मुख्यमंत्री थे तब बस्तर में नक्सलवाद की समस्या कम थी लेकिन 2003 से लेकर आज वर्तमान तक नक्सलवाद बस्तर में तेजी के साथ बड़ा है और यही वजह है कि बड़ी संख्या में यहां पैरामिलिट्री फोर्स भी तैनात है। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद बढ़ने का मुख्य कारण बस्तर में सलवा जुडूम है और मेरा शुरू से यह मानना है कि बंदूक का रास्ता छोड़कर नक्सलवाद का बातचीत से समाधान करना चाहिए लेकिन वर्तमान सरकार भी पुरानी सरकार की तरह है। नक्सलवाद की समस्या पर दोनों का एक ही मत है। ऐसे में बस्तर में नक्सलवाद की स्थिति वही रहेगी या फिर नक्सलवाद और बढ़ जाएगा। इसके अलावा उपचुनाव और नगरी निकाय चुनाव को लेकर अजीत जोगी ने कहा कि दोनों चुनाव में वह अपने पार्टी के प्रत्याशी को बिना किसी से गठबंधन किए उतारेंगे।