Sep 11, 2019
शेख आलम - रात हाथियों के एक दल ने मानों किसानों को रुला ही दिया है। हरे भरे खेत को पूरी तरह रौंद कर चौपट कर दिया है। बताया जा रहा है दर्जनों किसान के फसल को हाथी पैरों तले रौंद डाला है। एक किसान की झोपडी को तबाह कर दिया और उसमें रखे खाद को बिखेर दिया। साथ ही झोपड़ी में मौजूद पम्प मशीन व पाइप को तोड़कर तहस-नहस कर डाला है। धरमजयगढ़ वन मंडल के छाल क्षेत्र में खतरनाक गणेश हाथी का भय अभी लोगों के दिलो दिमाग से गया नहीं कि एक अन्य 8 हाथियों के दल ने लोगों को परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
किसानों को हाथी फसल नुकसानी का मुआवजा भी समय से नहीं मिल पा रहा
बीती रात छाल क्षेत्र के तरेकेला गाँव में हाथियों ने 13 किसानों के खेत में खड़ी फसल को तबाह कर दिया। साथ ही खेत में बनी झोपडी को तोड़ फोड़कर तहस नहस कर दिया। सिंचाई के लिए रखे पम्प और पाइप को भी हाथी नहीं बख्शा। किसानों की माने तो अब ग्रामीण हाथी और विभाग से त्रस्त हो चुके हैं। फसल नुकसानी मुआवजे के लिए भी उन्हें सालों भटकना पड़ रहा है। परेशान हलाकान किसान अब कह रहे हैं कि मुआवजे की राशि के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है। फिर भी मुआवजा राशि समय पर नहीं मिल रहा है। इसलिए ऐसी मुआवजा राशि हमें नहीं चाहिए। फिर से बता दें, धरमजयगढ़ का छाल क्षेत्र हाथियों से पूरी तरह प्रभावित है। ऐसे में जाहिर है क्षेत्र के लोग हाथी से ज्यादा परेशान हैं। लिहाजा वन विभाग की ओर से किसानों को हाथी फसल नुकसानी का मुआवजा भी समय से नहीं मिल पा रहा है। यहाँ विभाग के प्रति लोगों में अब ख़ासा आक्रोश देखा जा रहा है।