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जिले में बढ़ रहा हाथियों का आतंक, भोजन और पानी के लिए गांवों की ओर रूख कर रहे हाथी

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Jun 27, 2019

भूपेंद्र सिंह : रायगढ़ जिले में दो वनमण्डल, रायगढ़ वनमण्डल एवं धरमजयगढ़ वनमण्डल में हाथियों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। जिले में लगभग 40 से 50 की संख्या में हाथी जंगलों में विचरण कर रहे हैं। जंगल में मनुष्यों का दखल बढ़ते जा रहा है और हाथियों के रहवास का क्षेत्र सीमित हो रहा है। जिसके कारण हाथी भोजन और पानी के लिए गांवों की ओर लगातार रूख कर रहे हैं। जिसके कारण हाथियों के सामने आने पर माह जून महीने में आधा दर्जन लोगों ने अपनी जान गवां दी। 

हाथी फसलों को पहुंचा रहे नुकसान
रायगढ़ वनमण्डल के बंगुरसिया, जुनवानी, जामगांव, तमनार वन परिक्षेत्र तथा घरघोड़ा वन परिक्षेत्र के जंगलों में हाथियों को विचरते हुए पाया गया। जिसमें से विशेष रूप से बंगुरसियां व जुनवानी तथा जामगाव के क्षेत्रों में लगभग हाथियों ने अपना रहवास बना लिया है। यहां पर किसानों की फसलों के नुकसान की खबरें लगातार आती रहती है। वनमण्डल अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में रायगढ़ वनमण्डल में तीन दल में 15 हाथी विचरित कर रहे हैं। हाथियों के दल के विचरित करने की स्थिति में ग्रामीणों में आतंक का माहौल बना रहता है।

ग्रामीणों में भय का माहौल
जिले के धरमजयगढ़ वनमण्डल में वर्तमान में 21 हाथी विचरित कर रहे हैं, जिसमें वन परिक्षेत्र में 13, छाल रेंज में 3 अलग-अलग हैं और धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र में 4 हाथी विचरित कर रहे हैं। धरमजयगढ़ वनमण्डल में एक नर दंतेल हाथी द्वारा विशेष रूप से लगातार लोगों का मार रहा है। जून महीने में ही आधा दर्जन लोगों को मौत के घाट उतार चुका है। यहां तक एक वन रक्षक मुकेश पाण्डेय को भी हाथी ने मौत के घाट उतार दिया है। ग्रामीणों में भय का माहौल है।  वनमण्डल अधिकारी प्रणय मिश्रा ने बताया कि इस हाथी को ट्रेक करने का प्रयास किया जा रहा है और वैज्ञानिक तरीके से इस हाथी को कैसे काबू में ला सकते है इसके लिए वनविभाग प्रयास कर रहा है। 

लोगों की मौत का सिलसिला नहीं थम रहा
हाथियों के लिए पर्याप्त चारा और पानी की कमी होना भी एक कारण माना जा रहा है। कई सालों से हाथी कारीडोर बनाने की बात भी वन विभाग द्वारा की जाती रही है, लेकिन इसको आज तक अमलीजामा पहनाया नहीं जा सका है। हाथियों से सुरक्षा के लिए लोगों को जागरूक होना जरूरी है। इसविशालकाय वन्यप्राणी से हमेशा दूरी ही जानमाल के खतरे को कम कर सकता है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उनके द्वारा लगातार प्रचार प्रसार और हाथियों से बचाव के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। लेकिन अभी तक हाथियों से लोगों के मौत का सिलसिला रूक नहीं पा रहा है।