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भिलाईः आर्थिक तंगी से जूझ रही लोकगायिका कंठकोकिला जयंती यादव का सम्मान

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Nov 15, 2019

चंद्रकांत देवांगन - मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी मुक्तेश्वरी बघेल ने आर्थिक तंगी से जूझ रही लोकगायिका कंठकोकिला जयंती यादव का सम्मान किया। साथ ही उन्हें 1 लाख के नगद राशि देकर आर्थिक सहयोग भी किया। खास बात यह रही कि यह राशि मुक्तेश्वरी बघेल ने अपने निजी जमा पैसों में से सहयोग राशि के तौर पर दिया। सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद खुद मुख्यमंत्री की पत्नी ने जयंती यादव से मिलने की मंशा जाहिर की। मुख्यमंत्री के OSD मनीष बंछोर ने तत्काल उन्हें सम्मान के लिए CM हॉउस भिलाई 3 लाने की व्यवस्था की।

पिता के द्वारा लिखे गीत को सर्वप्रथम बार जयंती यादव ने दिया था स्वर

मुक्तेश्वरी बघेल को पिता के द्वारा लिखे गीत को सर्वप्रथम बार जयंती यादव ने गई थी, तो वे उनसे मिलने उनके घर ही जाना चाहती थी। तब जयंती यादव से सम्पर्क कर, उन्होंने खुद CM हॉउस पहुंचने की बात कही। मुख्यमंत्री निवास तक लाने विशेष गाड़ी के जरिये जयंती को लाया गया। जयंती यादव मुख्यमंत्री के निवास के भीतर पहुंची। मुख्यमंत्री निवास पहुंचते ही जैसे ही मुक्तेश्वरी बघेल को जयंती के आने की जानकारी मिली, वे तुरंत बाहर आकर जयंती यादव से आत्मिव भाव से मुलाकात किया। सबसे बड़ी बात यह रही कि मुख्यमंत्री की पत्नी खुद खड़ी रही और जयंती को बैठाकर उनका सम्मान किया। जयंती ने अपने आप को सम्मान मिलने के बाद कई गीतों को गाया, जिसे मुक्तेश्वरी बघेल ने ध्यान से सुना। जयंती ने कहा अब लोक कलाकारों के अच्छे दिन और ऊर्जा मिल गई है।

लोकगीत गायिका जयंती ने मुख्यमं6 और उनकी पत्नी के प्रति जताया आभार

इस पल जैसे ही जयंती यादव को पता चला कि जिस अरपा पैरी गीत को उन्होंने पहली बार गाया उसके रचयिता खुद मुक्तेश्वरी बघेल के पिता ही थे, तब उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। दोनों हाथों को जोड़कर जयंती ने अपने गुरु की बेटी को सादर नमन किया और यह भी बताया कि कैसे उनके पिता नरेंद्र देव वर्मा और हरी ठाकुर के बीच गीतों को लेकर प्रतियोगिता रहती थी। दोनों के लिखे पुराने गीतों को जयंती ने जैसे ही गाया। वैसे ही मुक्तेश्वरी बघेल भाव विभोर हो गई। मानो उन्हें अपने पिता के गीत सून उनके होने का अहसास हो गया हो। काफी गीतों को और तब के कहानियों को जयंती ने मुक्तेश्वरी बघेल से सांझा किया। निकलते समय भी मुक्तेश्वरी ने उन्हें पूरी मदद का भरोसा दिलाया और साथ में खड़े होकर फ़ोटो खिंचवाए। मुख्यमंत्री को भी धन्यवाद देते हुए कहा कि पिछले कई सालों से वे अपनी पीड़ा का बखान कर रही थी, लेकिन किसी ने भी नहीं सुनी। भूपेश बघेल की पत्नी ने उन्हें जो सम्मान दिया, उससे उनके सभी तकलीफ दूर हो गए।