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दर्जनों गांव तरस रहे पुल निर्माण के लिए, शासन प्रशासन के समक्ष लगाई गुहार

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Sep 7, 2018

सुशील सलाम - आजादी की लड़ाई में बस्तर से सर्वप्रथम प्रतिनिधित्व करने वाले परलकोट के राजा वीर शहीद गैंदसिंह के इलाके के दर्जनों गांव आजादी के इतने वर्षों बाद भी नदी में पुल के लिए तरस रहे हैं। यहां के सितरम, कंदाड़ी, कोंगे पांगुर आदि पंचायतों का संपर्क पखांजूर मुख्यालय से संपर्क टूट जाता हैं। सबसे ज्यादा परेशानी यहां बहने वाली कोटरी नदी से होती है। इस नदी पर पुल नहीं होने से साल के लगभग छह माह यह गांव मुख्यालय से कटे रहते हैं।

जरूरतों के लिए कर रहे संघर्ष 

डोंगी के सहारे ग्रामीण नदी पार कर अपनी रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करते हैं। सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों को होती है, नदी इस पार के इन गांवों में मिडिल के आगे की पढ़ाई के लिए बेठिया या बांदे जाते हैं इसके चलते उन्हें जान जोखिम में डालकर नदी पार करना पड़ता है बारिश में इन गांवों व बेठिया के बीच बहने वाली कोटरी नदी पूरी तरह उफान पर है। ग्रामीणों के लिए करीब छह माह काफी परेशानियों भरे होंगे। छोटी-बड़ी हर जरूरतों की पूर्ति के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना होगा।

प्रशासन के समक्ष लगाई गुहार

अगर कोई गंभीर रूप से बीमार पड़ जाए तो उसे समय पर इलाज नहीं मिल पाता। उसे अस्पताल तक ले जाने में काफी परेशानी होती है। बारिश के दिनों में राशन के लिये उफनती नदी में जान की बाजी लगाकर चावल लेने जाने को ग्रामीण मजबूर हैं। कोटरी नदी साल के छह माह लबालब भरा रहता है। क्षेत्रवासी ने नदी पर पुल बनाने व बोट चलाने की मांग को लेकर कई बार शासन प्रशासन के समक्ष गुहार लगा चुके हैं।