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कोरियाः गौठान का हाल बेहाल, एक भी मवेशी गौठान में नहीं आते नजर

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Oct 12, 2019

दिनेश कुमार द्विवेदी - छत्तीसगढ़ सरकार ने गांव की मवेशियों के लिये सुराजी गांव योजना चालू की। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की प्रमुख योजनाओं में इसे शामिल किया गया। ड्रीम प्रोजेक्ट नरवा गरुवा घुरुवा बाडी का कोरिया जिले में क्या हाल है, इसे मॉडल बनाये गए गौठान में जाकर आसानी से समझा जा सकता है। जिला प्रशासन की लापरवाही से सीएम की प्रमुख योजना का हाल बेहाल है जिसके चलते गौठान में एक भी मवेशी दिन में नजर नहीं आ रहे है।

गौठान में मवेशियों के लिए उपलब्ध होने वाली मूलभूत सुविधायें भी नदारत

छत्तीसगढ़ सरकार की इस योजना में कोरिया जिले में पैंतालीस गौठान का निर्माण जिले के पांच ब्लाक सोनहत भरतपुर मनेन्द्रगढ़ खड़गवां और बैकुंठपुर में करने का निर्णय जिला प्रशासन ने लिया। इसमें से दस गौठान को मॉडल गौठान के रूप में बनाया जाना था, जिनमें से एक सोनहत ब्लाक के घुघरा ग्राम पंचायत में बना हमर गौठान भी है। इस मॉडल गौठान का  जायजा लेने जब गए तो प्रदेश सरकार की प्रमुख योजना का हाल देखते ही बना। गौठान में दिन में एक भी मवेशी नजर नहीं आये। गौठान में मवेशियों के लिए उपलब्ध होने वाली मूलभूत सुविधायें भी देखने को नहीं मिली। सोनहत विकासखण्ड मुख्यालय से महज सात किलोमीटर दूर घुघरा ग्राम में बने गौठान में मवेशियों के लिए न पानी की व्यवस्था टैंक में दिखी. न खाने के लिए घास पैरा की व्यवस्था नजर आई। यहां मिले एक ग्रामीण ने बताया कि उद्धघाटन के बाद से यहां गायों के लिए चारे व पानी की व्यवस्था नहीं है। कोई अफसर झांकने तक नहीं आता और हाल यह है कि यहां कोई भी गाय नजर नहीं आती है।

विधायक गुलाब कमरो ने कहा इस संबंध में जिला प्रशासन को दिया गया निर्देश

इस इलाके के विधायक गुलाब कमरो ने घुघरा गांव में बने मॉडल गौठान का उदघाटन किया था। तब भी उन्होंने जिला प्रशासन को शासन की महत्वपूर्ण योजना को गम्भीरता से लेने की बात कही थी। पर उदघाटन के बाद गौठान का क्या हाल है इधर देखने की जरूरत मॉनिटरिंग करने वाले अधिकारियों ने नहीं समझी। गौठान के उद्घाटन के बाद इसकी देखरेख करने वाला कोई नहीं है। जिसके चलते चरवाहा आज भी मवेशियों को जंगल ले जा रहे हैं। अब जब विधायक गुलाब कमरो से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को उनके द्वारा अधूरे काम को जल्द पूरा करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने यह भी दलील दी कि बारिश के कारण जंगल में चारा चरने मवेशी बाहर जा रहे हैं। आने वाले समय में यह व्यवस्था सही हो जाएगी। पर सवाल यह कि गौठान के साथ चारागाह भी बनाया जाना था, आखिर मॉडल पंचायत में वह कहां है।