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साहब सूखे की मार से परेशान हैं अब मुआवजा भी नहीं तो कैसे चलेगी जिंदगानी: किसान

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Jun 3, 2018

सूखा राहत और बीमा राशि के लिए आज भी जिले के सैकड़ों किसान भटक रहें हैं, बार-बार शिकायत करने के बाद भी किसानों को नहीं मुआवजे की राशि और सूखा राहत राशि नहीं मिल पा रहा है। दर्जनभर गांव के सैकड़ों किसानों ने कलेक्टर को अपनी समस्या से अवगत कराया और कहा कि साहब सूखे की मार से परेशान हैं अब मुआवजा भी नहीं तो कैसे चलेगी जिंदगानी।

दरअसल बेमेतरा पिछले 3 सालों से सूखे और कम बारिश की मार झेलते आ रहा है जिसके चलते यहां के किसानों की आर्थिक स्थिति बहुत तंगी हो चुकी है इसी आर्थिक तंगी से बचने के लिए किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा जैसी योजनाओं का लाभ लेने के लिए अपनी फसल की बीमा कराते हैं जिससे अगर क्षेत्र में सूखा पड़े या कम वर्षा हो उसके बावजूद भी किसानों को सरकार के द्वारा बीमा क्लेम या अन्य माध्यमों से थोड़ी राहत मिल सके।

मगर आज आलम यह है कि बेमेतरा जिले के दर्जनभर गांव जैसे कुसमी, खर्रा, बार गांव, तेलगा मुड़पार, बेरलकला, पेंडी तराई, बावमोहतरा सहित दर्जन भर गांव के किसानों को बीमा और सूखा राहत की राशि नही मिल पाया है।

कई बार कार्यालयों के चक्कर काटने और अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी किसानों को मुआवजा और फसल बीमा की राशि नहीं मिल पाए जिससे आखिरकार थक हार कर उन्होंने बेमेतरा कलेक्टर से इसकी शिकायत की है। वहीं बेमेतरा कलेक्टर महादेव कावरे ने किसानों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जिले के सारे एसडीएम और तहसीलदार को तत्काल फसल बीमा और मुआवजा राशि का आवंटन के निर्देश दिए हैं वही बैंकों को साफ निर्देश दिया गया है अगर उन्होंने किसानों को किसी प्रकार से घुमाया तो उसके ऊपर भी कार्रवाई करेंगे।