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राजनांदगांवः रेत और मुरम का अवैध खनन जारी, जिला प्रशासन एवं खनिज विभाग बरत रहे लापरवाही

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Jun 22, 2019

मनोज मिश्ररेकर- राजनांदगांव जिले में इन दिनों अवैध खनन काफी फल-फूल रहा है। इस अवैध खनन को लेकर राजनीतिक संरक्षण की बात भी सामने आ रही हैं। जिले भर में रेत और मुरम का अवैध खनन जारी है। इसके बावजूद जिला प्रशासन एवं खनिज विभाग के द्वारा ऐसे माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही है। अवैध रेत खनन के मामले को लेकर डोंगरगांव विधायक दिलेश्वर साहू की भूमिका भी सामने आई है, लेकिन अब तक इस मामले को लेकर कार्रवाई करने से प्रशासन बचता दिखाई दे रहा है।

माफियाओं को मिला हुआ है राजनीतिक संरक्षण

राजनांदगांव जिले में अवैध खनन जोर-शोर से जारी है। शिवनाथ नदी सहित जिले की अन्य प्रमुख नदियों से रेत निकासी का काम बिना विभागीय अनुमति के किए जा रहा हैं। इन रेत माफियाओं को राजनीतिक संरक्षण भी मिला हुआ है। राजनंदगांव जिले के डोंगरगांव क्षेत्र के ग्राम मेढ़ा और रातापैली में भी रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा था। इस अवैध खदान को चलाने के लिए अनुमति क्षेत्र से विधायक दिलेश्वर साहू ने ही दी थी। यह बात स्वयं विधायक ने स्वीकार की है। डोंगरगढ़ के विधायक दलेश्वर साहू रेत के अवैध उत्खनन को लेकर अलग ही तर्क दे रहे हैं। दलेश्वर साहू का कहना है कि पिछले साल सभी खदानों को रेत निकालने का परमिशन दिया गया था, लेकिन इस वर्ष परमिशन नहीं मिल पाया था। विधायक जी का मानना है कि क्षेत्र की महज दो खदान ही वैध तरीके से चल रही है जबकि मेढ़ा रेत खदान को उन्होंने स्वयं अवैध तरीके से चलाने की अनुमति दे दी। इसके पीछे भी विधायक जी का अलग ही तर्क है। विधायक दलेश्वर साहू का कहना है कि किसानों को सस्ते दर पर रेत मिले इस वजह से उन्होंने इस अवैध खदान को संचालित कराया और जब खदान को लेकर लगातार शिकायत मिली तो उन्होंने इस खदान को बंद भी करवा दिया।

अनुमति नहीं होने के बाद भी यहां से प्रतिदिन सैकड़ों ट्रिप रेत जा रही निकाली

डोंगरगांव विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम मेढ़ा में विभागीय अनुमति नहीं होने के बाद भी यहां से प्रतिदिन सैकड़ों ट्रिप रेत निकाली जा रही थी। इसके लिए शिवनाथ नदी पर बकायदा रैंप बनाकर और मशीन लगाकर रेत का उत्खनन किया जा रहा था। प्रतिदिन लाखों रुपए की अवैध रेत निकासी क्षेत्र में पूरे राजनीतिक संरक्षण के साथ की गई। कई शिकायतों के बाद भी खनिज विभाग का अमला इस खदान पर कार्यवाही नहीं किया। वहीं सोशल मीडिया सहित क्षेत्र के कांग्रेसी जनपद सदस्य के द्वारा ही मामले को उठाए जाने के बाद इस खदान को बंद कराया गया। मेढ़ा रेत खदान को ना ही खनिज विभाग से स्वीकृति दी गई थी और ना ही पर्यावरण विभाग की अनुमति इस रेत खदान को चलाने के लिए ली गई थी। इस खदान को चलाने के लिए विधायक जी ने ही अनुमति दे दी। अवैध रेत खदान के संचालन में डोंगरगांव विधायक दिलेश्वर साहू की भूमिका सामने आने के बाद यहां राजनीतिक माहौल भी गरमा गया है। अब भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने विधायक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। भाजपा कार्यकर्ताओं ने विधायक के खिलाफ अवैध रेत खनन कराने का प्रकरण दर्ज करने की भी मांग की है और इस आशय को लेकर एक ज्ञापन कलेक्टर और एसपी को सौंपा गया है।

अवैध रेत खनन से शासन को हो रहा है लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान

राजनांदगांव क्षेत्र के मेढ़ा और रातपैली में पिछले कुछ समय से अवैध रूप से रेत निकालने की शिकायत सामने आ रही थी, इसके बावजूद संबंधित विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा था। मामला मीडिया में आने के बाद आनन-फानन में इस खदान को बंद कराया गया। अब सवाल यह उठता है कि बिना शासन, प्रशासन और खनिज विभाग के अनुमति के विधायक अपने क्षेत्र में अवैध उत्खनन कैसे करा सकते हैं ? जून माह के शुरुआत से ही मेढ़ा में 24 घंटे मशीन के जरिए रेत खनन होता रहा। वहीं नदी से रेत की निकासी करने रास्ता बनाने से लेकर रेत माफियाओं को संरक्षण देने तक ग्राम पंचायत की भूमिका भी संदेह के दायरे में हैं। इस अवैध रेत खनन से शासन को लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ। वहीं अंधाधुन रेत खनन से पर्यावरण को भी क्षति पहुंची है। क्षेत्रीय विधायक दिलेश्वर साहू के शय पर हुए इस अवैध रेत खनन को लेकर अब तक प्रशासन के द्वारा संबंधित लोगों पर कार्यवाही नहीं की गई है।