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बिलासपुरः ग्रामवासियों ने लिया चुनाव बहिष्कार का निर्णय

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Mar 23, 2019

डब्बू ठाकुर- कोटा ब्लॉक के ग्राम पंचायत खोंगसरा में ग्रामीणों के निस्तारी के लिए पूर्व में तालाब निर्माण किया गया था, लेकिन पूर्व सरपंच एवं वर्तमान भाजपा मंडल अध्यक्ष शिवमान सिंह खुसरो के द्वारा अवैध रुप से तालाब में बलपूर्वक कब्जा कर लिया गया। इसके खिलाफ वर्तमान सरपंच श्री मति गिरजा संतराम पोर्ते व ग्रामीणों के द्वारा जिला कलेक्टर व एस डी एम कोटा और तहसीलदार कोटा को ज्ञापन सौंप चुके हैं। अब सबने मिलकर चुनाव बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।

भाजपा नेता की धमकी से स्थानीय मजदूर डरे

पिछले साल हुए जनदर्शन व लोकसुराज में भी शिकायत की गई थी। लेकिन वर्तमान समय तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गई। जिससे ग्रामीणों में इस बात को लेकर आक्रोश है। जबकि जिला पंचायत बिलासपुर के द्वारा इस तालाब में मनरेगा के तहत गहरीकरण का आदेश जारी किया गया है एवं 2 सप्ताह का मास्टर रोल जारी किया गया। जिसके तहत 27 फरवरी को सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक सुबह तालाब गहरी कारण के लिए मनरेगा के मजदूरों को लेकर पहुंचे। जैसे ही भाजपा नेता को इनकी जानकारी लगी, वो अपने पत्नी व अपने भतीजों के साथ कार्य स्थल पर पहुंच कर कार्य बंद करने को दबाव बनाने लगे। भाजपा नेता की धमकी से स्थानीय मजदूर डरने लगे और काम बंद कर दिया। कुछ मजदूर काम छोड़ चल दिये। इस बीच सुबह से ही माहौल गरमा गर्मी का बना रहा। काम में लगे मजदूरों व सरपंच के बीच गाली गलौच हुई। देख लेने की धमकी दिया गया। पूर्व में भी ग्राम सभा में ऐसा ही माहौल देखने को मिला। जिससे सरपंच सहित ग्रामीण भी भाजपा नेता से डरने लगे। उसके बाद सरपंच के द्वारा कार्य आदेश की प्रति मजदूरों की दिखायी गयी और कार्य प्रारंभ किया गया। पूर्व सरपंच एवं वर्तमान भाजपा नेता ने अपनी सरकार रहते हुए इस तालाब पर अवैध कब्जा कर रखा था। लेकिन शासकीय भूमि में अवैध कब्जा को लेकर ग्रामीणों ने विरोध किया था।  जिसका कोई खास असर नहीं हुआ और सत्ता का फायदा उठा कब्जा जमा रहा।

पूर्व सरपंच और वर्तमान सरपंच में तनातनी

ग्राम पंचायत खोंगसरा सरपंच गिरजा बाई पोर्ते ने बतलाया कि मेरे द्वारा कलेक्टर से लेकर एसडीएम तक इस संबंध में जानकारी दी गयी है। पूर्व में एसडीओपी कोटा के द्वारा कार्य करने बोला गया था। कुछ होने पर सूचना देने बोला गया, लेकिन कार्य प्रारंभ होते ही फिर से पूर्व सरपंच विवाद करने लगा और काम बंद करने कहा गया। जिला पंचायत के द्वारा कार्य आदेश की कॉपी है, और उसी के तहत कार्य करवाया जा रहा था। लेकिन बार बार की धमकी से मेरे पति समेत परिवार के लोग डरे रहते हैं।