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दूल्हे ​को बिना दुल्हन के ही लौटना पड़ा घर, 24 घंटे में की दूसरी शादी

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Mar 23, 2019

पुरूषोत्तम पात्रा : गरियाबंद में समाज का फरमान एक दुल्हे के अरमानों पर भारी पड गया, दुल्हे को बिना दुल्हन के ही बारात बैंरग लेकर लौटना पडा। बता दें कि दुल्हे की गलती सिर्फ इतनी थी कि वो बारात लेकर एक घंटा देरी से पहुंचा।

दूल्हे के अरमानों पर फिरा पानी
बाजे गाजे और सैंकडो बारातियों के साथ माडागांव बारात लेकर पहुंचे कैंटपदर के केदार के सुनहरे सपनों पर उस समय पानी फिर गया जब घरातियों ने बारात को परघाने से मना कर दिया, गुस्साये बाराती दुल्हे को बिना दुल्हन के ही वापिस लेकर लौट आये। घरातियों का कहना है कि बारात तय समय से लेट पहुंची जिसके चलते समाजिक नियम आड़े आ गया और बारात का स्वागत नहीं कर पाये।

महज एक घंटा देरी से पहुंचने पर मचा बवाल
वहीं दूल्हा पक्ष का कहना है कि बारात महज एक घंटा देरी से पहुंची यदि लडकी पक्ष चाहता तो बारात को परघाकर स्वागत कर सकता था, मगर ऐसा नही हुआ जिसके चलते उन्हें बैंरग लौटना पडा।

दिन ढलने के बाद बारात का स्वागत नहीं करते ये लोग
पूरा मामला पंडरा माली समाज का है, समाज के अध्यक्ष नीलकंठ बीसी के मुताबिक दिन ढलने के बाद बारात परघाने का उनके समाज में नियम नही है, बारातियों द्वारा रात में शराब पीकर हुडदंग से बचने के लिए ये नियम बनाया गया है, जो समाज के सभी लोगो के लिए बनाया गया है, दुल्हे का पिता खुद समाजिक पदाधिकारी है और उसे ये बात अच्छी मालूम थी उसके बाद भी वह शुक्रवार को बारात देरी से लेकर आया और परघाने की जिद करने लगा जिसके चलते ये हालात निर्मित हुए।

24 घंटे में कराई दूसरी शादी
हालांकि बारात वापिस लौटने के बाद दुल्हे के बाप ने आनन फानन में अपने बेटे की शादी दूसरे गॉव में कर दी और केदार 24 घंटे में ही दूसरी दुल्हन लेकर घर लौट आया, मगर इस बार आर्थिक तंगी के चलते उसे मोटर सायकिलों पर ही बारात निकालनी पडी।

समाज के फैसले से लोग हो रहे प्रभावित
समाज का फैसला सही है या नही ये तो समाज के लोगों को तय करना है, मगर फिलहाल जिस तरह की स्थिति निर्मित हुई उसे देखकर लगता है कि समाज के फैसले से नुकसान समाज के लोगों को ही उठाना पडा है।