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छत्तीसगढ़ः सियासी दलों में मची होड़, दलों के सामने योग्य उम्मीदवार ढूंढने की चुनौती

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Mar 13, 2019

आशीष तिवारी- लोकसभा चुनाव का बिगुल फूंके जाने के बाद छत्तीसगढ़ में सियासी दलों में उम्मीदवारी को लेकर होड़ मच गई है. इस बीच सत्ता में काबिज कांग्रेस के पास जहां इतिहास बदलने की चुनौती है, तो वहीं बीजेपी राज्य गठन के बाद हुए लोकसभा चुनाव में अपने जीत के आंकड़ों को बरकरार रखने के लिए सियासी दंगल में कूदने की रणनीति पर काम कर रही है. इधर अजीत जोगी की अगुवाई वाली जेसीसी ने भी चुनावी दंगल में उतरते हुए नया सियासी समीकरण पैदा कर दिया है. कौन जीतेगा बाजी? कौन खाएगा मात? इन तमाम सवालों के बीच सियासी दलों के सामने चुनौती योग्य उम्मीदवार ढूंढने की है।

सबकी निगाहें प्रत्याशियों के नाम पर टिकी

छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव की तमाम हलचल के बीच आम लोग ही नहीं बल्कि तमाम पार्टियों के बीच एक ही सवाल सबसे ज्यादा सुर्खियों में है कि 11 सीटों में कौन होंगे योद्धा। बीजेपी में जिस तरह से बयान आ रहे हैं उससे तो एक साफ इशारा मिल रहा है कि पार्टी ज्यादातर सीटों में पर इस बार नए लड़ाके उतारेंगी। सबकी निगाहें प्रत्याशियों के नाम पर टिकी है। उम्मीद जताई जा रही हैं कि आने वाले 15 दिनों में सभी पार्टियों की ओर से अपने-अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी जाएगी। भाजपा 11 सीटों पर इन संभावित चेहरों पर दांव लगा सकती है।
बसपा और जोगी कांग्रेस के गठबंधन से सभी सीटों को लेकर फिलहाल स्थिति स्पष्ट होती नज़र नहीं आ रही है, क्योंकि दोनों ही पार्टियों में अब तक सीटों का बटवारा नहीं हुआ है। फिर भी उम्मीद जताई जा रही है कि कोरबा सीट से अजीत जोगी या उनके बेटे अमित जोगी चुनाव लड़ सकते हैं। वहीं बिलासपुर सीट से अजीत जोगी की पार्टी से विधायक धर्मजीत सिंह और रायगढ़ से रेणु जोगी मैदान में उतर सकती है, जबकि जांजगीर चापा सीट से दाउराम रतनाकर की दावीदारी प्रबल मानी जा रही है।