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जल संसाधन विभाग में नहरों की साफ़-सफाई और मरम्मत के नाम पर विभागीय अधिकारी कर रहे प्रतिवर्ष लाखों का गोलमाल

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Dec 22, 2018

प्रवीण साहू - जल संसाधन विभाग उपसंभाग अभनपुर में नहरों की साफ़-सफाई और मरम्मत के नाम पर प्रतिवर्ष लाखों रुपयों का गोलमाल विभागीय अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है पूर्व में नहरों के रखरखाव के लिए शासन द्वारा जल उपभोक्ता संस्था का गठन किया जाता था, जिसका कार्यकाल 5 वर्षों के लिए होता था संस्था के सदस्य नहरों की साफ़-सफाई और मरम्मत से संबंधित प्रस्ताव पास कर उपसंभाग में प्रस्तुत करते थे, जिनके आधार पर नहरों का रखरखाव किया जाता था, लेकिन शासन द्वारा पिछले 4 वर्षों से संस्था को बंद कर दिया गया है।

नहरों की साफ़-सफाई के नाम पर किया जा रहा लाखों का गोलमाल

अब नहरों के रखरखाव का कार्य सीधे तौर पर जल संसाधन विभाग को दे दिया गया है उपसंभाग में सब-इंजीनियर द्वारा नहरों के रख-रखाव से संबंधित कार्य कराए जाते हैं, जिसके लिए विभाग की ओर से प्रतिवर्ष लाखों रुपए की राशि उपसंभाग को दी जाती है लेकिन पिछले कई वर्षों से अभनपुर क्षेत्र के नहरों की न तो साफ़-सफाई हो रही है और न ही मरम्मत जबकि शासन द्वारा प्रतिवर्ष इस कार्य हेतु लाखों रुपए उपसंभाग को दिए जाने की जानकारी मिली है इससे साफ़ है कि उक्त राशि का गोलमाल किया जा रहा है।

अधिकारी झाड़ रहे अपना पल्ला

नहरों की साफ़-सफाई और मरम्मत नहीं होने से रबी फसल के लिए गंगरेल से छोड़ा जाने वाला बेशकीमती पानी खेतों तक न पहुंच व्यर्थ बह जाता है और किसान अपनी फसलों तक पानी पहुँचाने में असफल हो जाते हैं, जिससे उन्हें रबी फसल में घाटा उठाना पड़ता है इस संबंध में एसडीओ टी आर मेश्राम से जब उनका कथन चाहा गया तो उन्होंने कहा कि उच्चाधिकारी ही इस संबंध में कुछ कह सकते है।