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ड्राईविंग लाईसेंस बनाने के नाम पर एंजेंटो के माध्यम से परिवहन कर्मचारी वसूल रहे आवेदकों से मोटी रकम

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Dec 23, 2018

आशुतोष तिवारी - बस्तर मे ड्राईविंग लाईसेंस बनाने के नाम पर शहर के क्षेत्रिय परिवहन कार्यालय मे लूट मची हुई है एंजेटों के माध्यम से परिवहन कार्यालय के कर्मचारी आवेदको से मोटी रकम वसूल रहे है लाईसेंस बनाने के एवज मे शासन द्वारा निर्धारित शुल्क से 4 गुनी रकम अधिक आवदेकों से वसूली जा रही है। ड्राईविंग लाईसेंस बनाने के लिए इस अवैध वसूली के खेल मे एंजेटो और आरटीओ के कर्मचारियों की संलिप्तता होने की जानकारी आला अधिकारियो को भी है लेकिन कार्रवाई के अभाव मे परिवहन कार्यालय मे अवैध वसूली का यह सिलसिला धडल्ले से जारी है।

चार गुना रकम वसूल रहे परिवहन कर्मचारी

सभी वाहन चालकों के लिए ड्राईविंग लाईंसेंस रखना अनिवार्य होता है अगर आपको ड्राईविंग लाईसेंस बनाना पडे तो क्षेत्रिय परिवहन कार्यालय मे सीधे आवेदन देना और ड्राईविंग लाईसेंस बनने का इंतजार करने के लिए आपको धेर्य की परीक्षा देनी होगी और यही वजह होती है कि आवदेको को आरटीओ एंजेंटो के चंगुल मे फंसकर शासन द्वारा निर्धारित शुल्क मे बनने वाली ड्राईविंग लाईसेंस के लिए चार गुना अधिक रकम खर्च करनी पडती है।

350 रूपए की जगह ले रहे 3000 रुपए

दरअसल आरटीओ एंजेंट व परिवहन कार्यालय के कर्मचारियो के मिलीभगत से आवेदको को लाईसेंस बनवाने के लिए मोटी रकम चुकानी पडती है जानकारी के मुताबिक शासन द्वारा ड्राईविंग लाईसेंस बनाने के लिए 350 रू. शुल्क निर्धारित की गई है लेकिन आरटीओ विभाग के बाबू और एंजेटों की मिली भगत से आवेदको को तीन से साढे तीन हजार रू. खर्च करना पडता है लाईंसेंस की अति आवश्यकता होने पर आवेदनकर्ता बाबूओं और एंजेंटो को मुंह मांगी रकम भी देने को मजबूर होते है।

जानकारी होने के बाद भी प्रशासन कर रहा अनदेखी

ऐसा नही है कि आरटीओ ऑफिस मे इस अवैध वसूली की जानकारी बडे अधिकारियों को नही है लगातार शिकायत मिलने के बावजुद अधिकारी एंजटों और संबधित कर्माचारियों पर कार्रवाई करने से बचते नजर आते है और जिला प्रशासन के अधिकारी भी आरटीओ विभाग के इस अवैध वसूली के खेल को अनदेखी करते है।