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गैंदशिग महाविद्यालय के द्वितीय वर्ष में 135 विद्यार्थियों में से 132 फेल

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Sep 4, 2018

मिथुन मंडल - पखांजुर-कोयलीबेड़ा विकासशखण्ड के अंतर्गत सैकड़ो गाँव के स्कूलों के बच्चों का उच्च शिक्षा प्राप्त करने का गैंदशिग महाविद्यालय एक मात्र जरिया है जो सालो से शासन और स्थानीय संबंधित अधिकारियों और नेताओ के नज़रो से बाहर हैं, हद तो तब हो गई जब मजदूरी, खेती, किसानी कर गांव के लोग अपने बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त करवाने पखांजुर महाविद्यालय भेजे और BA द्वितीय वर्ष के 135 बच्चों में से अंग्रेजी भाषा मे महज 3 लोग पास हुए और जो 3 विद्यार्थियों ने पास किया वह महाविद्यालय के नियमित छात्र नही थे।

महाविद्यालय में नहीं है एक भी शिक्षक

विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम जान कर गांव के पलको का उदासी बढ़ गया जिसके बाद महाविद्यालय में जानकारी की गई तो पता चला 2008 से ही महाविद्यालय में कोई शिक्षक नही है बच्चों के परिजनों के पास उतने पैसे नही की वहाँ शहर से दूर कही दूसरे शहर में अपने बच्चों का दाखिला करा सके और न ही पखांजुर में कोई निजी कॉलेज की व्यवस्था है। हालात इतनी बुरे है कि 70% पाने वाले बच्चों का दाखिला नही हो पाता क्यो की सीटें कम है और किसी तरह दाखिला मिल भी जाये तो शिक्षकों की कमी का हर्जाना महाविद्यालय में पढ़ रहे बच्चों को भुगतना पड़ता है।

शिक्षकों की कमी का हर्जाना भुगत रहे विद्यार्थी

आखिर ऐसे में बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही महाविद्यालय पर कार्यवाही करें तो आखिर करे कौन दो महीने हुए अंतागढ़ विधानसभा में आई नई राजनैतिक पार्टी भारतीय पंचायत पार्टी ने इन मुद्दों पर मुहिम छेड़ रखा है जिस पर अब सभी लोगो की नज़र बनी हुई है।