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मलेरिया मुक्त अभियान को लेकर स्वास्थ्य कर्मी पहुंचे लोगों के घर तक

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Feb 15, 2020

बीजापुरः घने जंगलों में बसे गांव हो या नदियां पार करके पहुंचने वाली बसाहटें, बीजापुर के स्वास्थ्य कर्मी सब मुश्किलों को पार करते हुए लोगों तक पहुँच रहे हैं। घंटों मोटर-साइकिल पर सवार होकर इन गावों तक पहुंचना या फिर मीलों पैदल चलकर लोगों तक पहुंचकर मलेरिया की जांच कर उनका उपचार करना पिछले एक महीने से स्वास्थ्य कर्मियों का काम रहा है। स्वास्थ्य कर्मियों के इस दल में मितानिन, एएनएम और ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक यानि रूरल हेल्थ ऑर्गेनाइजर (आरएचओ) भी शामिल हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीआर पुजारी ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों का दल गाँव-गाँव जाकर लोगों की न सिर्फ स्क्रीनिंग (जांच) कर उनका उपचार भी कर रहे हैं बल्कि समुदाय में मलेरिया से बचाव के बारे में जानकारियां भी दी जा रही हैं।

कई बार गाँव में लोग नहीं मिलते तो दोबारा पड़ता है जाना

समुदाय का साथ तो खूब मिल रहा है लेकिन कई बार गाँव में लोग नहीं मिलते हैं। जैसे तेलंगाना के बॉर्डर से लगे गाँव के निवासी तेलंगाना काम के लिए जाते हैं। कई गावों में लोगों ने दोबारा आने को कहा या फिर कई-कई घंटे इंतजार करना पड़ा। ज्यादातर गाँव तक तो मोटर साइकिल या ट्रेक्टर से पहुंचा जा सकता है लेकिन कई बार पैदल ही जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि नक्सल गतिविधियों के कारण तेलंगाना होते हुए 280 किलोमीटर से भी ज्यादा रास्ता तय करना पड़ा। इस अभियान के तहत बीजापुर का लक्ष्य 2.98 लाख लोगों तक पहुंचना है। अब तक 90 प्रतिशत लोगों तक स्वास्थ्य विभाग का दल पहुँच चुका है और आने वाले दिनों में यह प्रतिशत और बढेगा। कई गाँव के स्कूलों में ऐसे बच्चे भी मिले जो देखने में स्वस्थ थे लेकिन टेस्ट करने पर उनमें मलेरिया के परजीवी मिले लेकिन लक्षण नहीं। यह तो शोध का विषय हो सकता है। डॉ पुजारी ने बताया कि कल स्वास्थ्य कर्मियों का दल भैरमगढ़ ब्लाक के हल्लूर गाँव गया था, जहाँ 277 लोगों की जांच की गई, जिनमें से 92 लोग मलेरिया से संक्रमित पाए गए। हल्लूर गाँव में स्वास्थ्य मेला भी लगाया गया था। एक माह तक चलने वाले मलेरिया मुक्त अभियान की शुरुआत 15 जनवरी को हुई थी।