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आजम खां व उनके परिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट का तगड़ा झटका, मुकदमे को रद्द करने से इनकार

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Feb 15, 2020

प्रयागराज: रामपुर के सांसद मो. आजम खां, उनकी पत्नी तंजीम फातिमा व बेटे मो. अब्दुल्ला आजम खां को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तगड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के आरोप में अब्दुल्ला के खिलाफ रामपुर की अदालत में चल रहे मुकदमे व चार्जशीट को रद्द करने से इनकार कर दिया है। वहीं यह आदेश न्यायमूर्ति मंजूरानी चौहान ने मो. आजम खां व दो अन्य की याचिका पर दिया है, लेकिन जानकारी के इस बात का पता चला है कि एक राजनीतिक दल के क्षेत्रीय संयोजक आकाश सक्सेना ने अब्दुल्ला आजम खां को स्वार से विधायक बनवाने के लिए फर्जी जन्म तारीख तैयार कराने का आरोप लगाया है। वहीं पुलिस की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए एसीजेएम रामपुर ने आरोपियों को सम्मन जारी कर हाजिर होने का आदेश दिया है। जहां मुकदमे की कार्रवाई व चार्जशीट रद्द करने की मांग में दाखिल याचिका कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के हवाले से कहा कि चार्जशीट से प्रथम दृष्टया आपराधिक मुकदमा चलाने का पर्याप्त आधार है। ऐसे में मुकदमा रद्द करने का कोई औचित्य नहीं है।

कोर्ट के इस फैसले से आजम खां के परिवार की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

वहीं इस बात का पता चला है कि कोर्ट ने यह भी कहा कि किसी भी व्यक्ति को अपराध की प्राथमिकी दर्ज कराने का अधिकार है। चार्जशीट से प्रथम दृष्टया आपराधिक केस बनता हो तो आरोप के साक्ष्य पर मुकदमे के विचारण के समय विचार किया जाएगा। कोर्ट के इस फैसले से आजम खां के परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। वहीं यह भी कहा जा रहा है कि अब्दुल्ला आजम खां ने हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, बीटेक व एमटेक की शिक्षा हासिल किया है। इनके शैक्षिक अंक व प्रमाण पत्रों में उनकी जन्म तारीख एक जनवरी 1993 दर्ज है, जबकि 28 जून 2012 को अब्दुल्ला आजम खां ने रामपुर नगर पालिका परिषद से जन्म तारीख का नया प्रमाणपत्र बनवाया गया। इसमें बदलाव करते हुए जन्म तारीख 30 सितंबर 1990 कर दी गई। इसे निरस्त कराये बगैर नगरपालिका परिषद लखनऊ से 2015 में दोबारा 30 सितंबर 1990 की जन्म तारीख का प्रमाण पत्र बनाया गया। इस पूरे मामले में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है।