Oct 9, 2019
महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती क्षेत्र में माओवादियों द्वारा गठित एमएमसी जोन को ध्वस्त करने के लिए चलाए जा रहे नक्सल विरोधी अभियान के तहत 7 अक्टूबर को हाक फोर्स एसटीजी 3 कैम्प मलैदा प्रभारी उप निरीक्षक गोपाल शर्मा को मुखबिर के माध्यम से सुचना मिली कि भावे जंगल में नक्सलियों के ट्रेनिंग कैंप के पास केरा पानी में माओवादियों का डम्प है। इसमें बड़ी मात्रा में नक्सलियों के सामान होने की संभावना है।
उत्साहवर्धन हेतु टीम को 10 हजार के नगद पुरस्कार से पुरस्कृत
उक्त सूचना से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा कर सूचना के आधार पर सर्चिंग पार्टी के साथ उक्त स्थान पहुँच कर तलाश करने पर पाया कि एक पहाड़ी के नीचे दबी हुई जमीन है। हमराही फोर्स की मदद से उस जगह की खुदाई की गई। जहां 500 लीटर की नीले रंग की एक पानी टंकी गाड़कर रखी गई थी। टंकी के अंदर एक 12 बोर बंदूक, दो बंडल आईईडी में उपयोग होने वाला वायर, प्लास्टिक की झिल्ली एवं बड़ी मात्रा में दैनिक उपयोग का सामान व नक्सली साहित्य था। बरामद सामग्री को जब्त कर थाना गातापार में प्रकरण कायम कर पर विवेचना की जा रही है। उक्त कार्यवाही में पार्टी प्रभारी उपनिरीक्षक गोपाल शर्मा, उपरोक्त सफलता के लिए पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव कमल लोचन कश्यप द्वारा मलैदा कैंप पर पहुंचकर उत्साहवर्धन हेतु टीम को 10 हजार के नगद पुरस्कार से पुरस्कृत किया। पुलिस द्वारा लगातार ऑपरेशन चलाए जाने के फलस्वरूप जहां कई सफल मुठभेड़ हुई हैं वहीं बालाघाट एरिया कमेटी सदस्य अजीत के सरेंडर के साथ-साथ पुलिस द्वारा जप्त किए गए बड़ी मात्रा में डंप की बरामदगी एमएमसी जोन को ध्वस्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में देखा जा रहा है ।