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महानदी के अस्तित्व पर मंडरा रहा खतरा, ग्रामीणों ने लगाई गुहार

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Feb 11, 2018

महासमुंद। महासमुंद जिले से होकर गुजरने वाली महानदी का अस्तित्व खतरे में है। जिसे बचाने को लेकर ग्रामीण प्रशासन के आला अधिकारी से गुहार लगा रहे है। जी हां, महानदी के किनारे सैकडों फर्शी खदाने संचालित है और यही फर्शी खदान संचालक वर्षो से खदान से निकलने वाले बेकार फर्शी पत्थर को ले जाकर नदी के किनारे डालते जा रहे है। जिससे महानदी सॅंकरी होती जा रही है और महानदी के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। जहां ग्रामीण कार्यवाही न होने पर मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक शिकायत करने की बात कह रहे है।

वहीं खनिज विभाग के अधिकारी सूचना नहीं होने की बात कहते हुए अब जांच कराने का रटारटाया राग अलाप रहे है। महासमुंद जिले से होकर गुजरने वाली महानदी के किनारे ग्राम बरबसपुर, घोडारी, मुढेना, बेलसोंडा, अछोली, लाफिनखुर्द , नांदगांव, बम्हनी बसा हुआ है । इन गांवों में 112 फर्शी खदानें संचालित है। 

फर्शी संचालक खनिज विभाग के अधिकारियों से मिली भगत कर खदान से निकलने वाले बेकार पत्थर को महानदी के किनारे ले जाकर गिराते जा रहे है। जिससे महानदी फर्शी पत्थर से पटती जा रही है। महानदी के पटने से उसके अस्तित्व पर खतरा मंडराता जा रहा है। फर्शी संचालको की मनमानी लगभग दस वर्षो से चलती आ रही है और खनिज विभाग कुंभकर्णी नींद में सोया हुआ है। 

महानदी का अस्तित्व खतरे में देख ग्राम मुढेना के दर्जन भर ग्रामीण कलेक्टर से महानदी का अस्तित्व बचाने की गुहार लगा रहे है। ग्रामीणो का कहना है कि प्रशासन अगर हमारी मांगो पर ध्यान नही देती है तो हम लोग मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री से गुहार लगायेगें। इस पूरे मामले में जब मीडिया ने खनिज विभाग के आला अधिकारी से सवाल किये तो अधिकारी जानकारी नही होने की बात करते हुवे जांच कराये जाने का रटारटाया राग अलापते हुवे अपनी जिम्मेदारियों से इतिश्री कर लिये। गौरतलब है कि 112 फर्शी खदानों में आधे फर्शी खदानों का लीज अवधि समाप्त हो जाने के बाद भी खदानो का संचालित रहना कहीं न कहीं दाल में कुछ काला की ओर  इशारा करता है।