Jan 9, 2019
पंकज मिश्रा - आज पूरे तराई क्षेत्र में जितनी भी नादिया है चाहे वो बड़ी हो या छोटी सभी नदियों में रेत माफियाओं द्वारा जम कर रेत का उत्खनन किया जा रहा है जहा पर न तो पुलिस अपना शिकंजा कसती, न ही राजस्व विभाग, ऐसा लगता है कि दोनों के मिली भगत से ये सब काम होता रहा है कई बार शिकायत करने के बावजूद भी इस मामले में प्रशासन चुप क्यों। आज के समय में देखा जाय तो जवा थाने से कुछ ही दूर पर टमस नदी व महाना नदी से प्रतिदिन कई नावों से रात दिन अवैध रेत निकाला जाता है जिसका परिवहन ट्रैक्टर व् डंफर द्वारा दिन रात किया जा रहा है। वो भी पुलिस के नाक के नीचे से।
विरोध करने वालों से की जाती है कार्यवाही
पुलिस और राजस्व विभाग इस मामले में कोई कार्यवाही क्यों नही करता इससे साबित होता है कि रेत माफियाओं के दबाव में पुलिस व् राजस्व विभाग निष्क्रिय हो गया है जबकि खनिज विभाग महीने में एक बार आते है और बिना कार्यवाही किये ही चले जाते है जिसे क्या कहा जा सकता है वही लोगो का कहना है किआज रेत की अवैध निकासी से गरीब व किसानों को ऊंचे दामो पर रेत लेने को मजबूर होना पड़ रहा है यदि किसी ने इनके खिलाफ विरोध किया तो उसके साथ मारपीट किया जाता है और रिपोर्ट होने पर कोई ठोस कार्यवाही नही की जाती है।
प्रशासन असहाय
आज चाहे जवा हो या त्योंथर पूरे क्षेत्र में रेत माफियाओं का बोलबाला है जबकि लोगो का कहना है कि इस काम में स्थानीय नेताओं का हाथ है इसी कारण कोई भी कार्यवाही नही की जाती है जबकि आज से कुछ माह पहले तहसीलदार सुनील वर्मा द्वारा रेत से लेकर हर विभाग पर अपना शिकंजा कसा था जिसके कारण सभी लोगो में दहसत व्याप्त था लेकिन उनके जाते ही आज पूरा प्रशासन असहाय हो गया है कारण कुछ भी हो लेकिन क्षेत्र की जनता सब जानती है कि रेत माफियाओं और प्रशासन के बीच क्या पक रहा है।