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तख़तपुरः छत्तीसगढ़ी नृत्य एवं गायन वादन पर आधारित नेशनल ट्राइबल डाँस फ़ेस्टिवल का आयोजन

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Nov 6, 2019

अभिषेक सेमर - नगर के शा.जे.एम.पी. बालक हाई स्कूल मैदान में 5 नवंबर दिन मंगलवार को विकासखंड स्तरीय नेशनल ट्राइबल डाँस फ़ेस्टिवल कार्यक्रम तखतपुर में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में गांव-गांव से छत्तीसगढ़ी नृत्य एवं गायन वादन प्रस्तुत किया गया। जिसमें प्रथम स्थान ग्राम खटोला, द्वितीय ग्राम खजुरी तथा तृतीय ग्राम बेलपान की टीम रही। कार्यक्रम में एक से बढ़कर एक कर्मा नृत्य की प्रस्तुति नर्तक दलों के द्वारा की गई। विकासखंड स्तर के बाद जिला स्तर पर आयोजन होगा। बता दें कि युवा महोत्सव एवं नेशनल ट्राईबल डांस फेस्टिवल का विकासखंड स्तरीय प्रतियोगिता का शुभारंभ विधायक श्रीमती रश्मि सिंह के मुख्य आतिथ्य में हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की छाया चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया। तत्पश्चात अतिथियों का स्वागत किया गया।

अब प्रदेश की लोक संस्कृति व परंपरा पहुंचेगी आम जनों तक

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव आशीष सिंह ठाकुर ने किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक श्रीमती रश्मि सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार युवाओं को एक बेहतर मंच प्रदान करने के लिए युवा महोत्सव का आयोजन विकासखंड से लेकर राज्य स्तर तक कर रही है। वहीं छत्तीसगढ़ राज्य के आदिम जनजाति के त्यौहार, लोक नृत्य तथा लोक संस्कृति के संरक्षण के उद्देश्य को लेकर के नेशनल ट्राईबल डांस का आयोजन कर रही है। सभी की क्षमता और काबिलियत को एक बेहतर मंच हमारी सरकार की ओर से उपलब्ध कराने के लिए विकासखंड से प्रदेश स्तर तक का आयोजन कर रही है। हम इस आयोजन के माध्यम से अपने प्रदेश की लोक संस्कृति परंपरा की जानकारी आम जनों तक पहुंचा पाएंगे। कुछ हमारी प्राचीन संस्कृतियां आज विलुप्त सी होती जा रही हैं और उन संस्कृतियों को नई पीढ़ी को अवगत कराना भी इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य है।

अरपा पैरी के धार गीत को छग का राज्य गीत बनाए जाने पर मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट

अरपा पैरी के धार गीत को छत्तीसगढ़ के राज्य गीत बनाए जाने पर मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया कि अब प्रदेश में छत्तीसगढ़ का एक अपना राज गीत होगा, जिसे हम हर आयोजनों के पहले गा सकेंगे और अपने छत्तीसगढ़ महतारी की वंदना कर सकेंगे। अनुविभागीय अधिकारी आनंद तिवारी ने कहा कि यह एक ऐसा आयोजन है जिसके माध्यम से हर क्षेत्र की प्रतिभा का पहचान हो सके और उन्हें एक बेहतर स्थान मिल सके उनकी कला को आम जनों तक पहुंचाया जा सके। लोक संस्कृति का संरक्षण हो सके उसका संवर्धन हो सके जिसके लिए आयोजन किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के लोगों को अपनी क्षमता अपनी काबिलियत को दिखाने का मंच मिल सके।