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राजनांदगांवः विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा जिला न्यायालय परिसर में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

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Jul 30, 2019

मनोज मिश्ररेकर- जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा जिला न्यायालय परिसर में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में नर्सिंग स्टाफ को पीसीपीएनडीटी एक्ट के बारे में जानकारी दी गई। वहीं इस एक्ट के तहत सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों को भी बताया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य लिंग परीक्षण कानून से नर्सिंग स्टाफ और नार्रिंग की छात्रों को अवगत कराया गया। पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम 1994 के प्रावधानों पर जानकारी दी गई। इस दौरान उपस्थित नर्सिंग स्टाफ ने किस अधिनियम से काफी कुछ सीखने की बात कही।

पीसीपीएनडीटी एक्ट से काफी कुछ स्टाफ नर्सों के साथ ही नर्सिंग छात्राओं को सीखने को मिला

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा समय-समय पर लोगों को कानूनी जानकारी देने के लिए आयोजन किया जाता है। इसी कड़ी में लिंग परीक्षण के बढ़ते मामले को देखते हुए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया था। जिसमें अपर एवं जिला सत्र न्यायाधीश शबित सिंह राजपूत ने कार्यशाला में कानूनी प्रावधानों की विस्तार से जानकारी दी। पीसीपीएनडीटी एक्ट से काफी कुछ स्टाफ नर्सों के साथ ही नर्सिंग छात्राओं को सीखने को मिला। उन्हें बताया गया कि गर्भवती महिलाओं के गर्भ में पल रहे बच्चे का लिंग परीक्षण कराना कानूनी अपराध है, लेकिन विशेष परिस्थितियों में अनुमति लेकर ऐसा कराए जाने का भी प्रावधान है। जिसे हमें समझना है कि सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा किस परिस्थितियों के तहत इस तरह के कार्य करने की अनुमति दी गई है। विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव प्रवीण मिश्रा ने कहा कि इस एक्ट की जानकारी देकर दिए गए निर्देशों का पालन कराना इस कार्यशाला का उद्देश्य है।

लिंग परीक्षण को लेकर लोगों में जागरूकता लाने का प्रयास

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शबित सिंह के अलावा, विशेष न्यायाधीश मंसूर अहमद, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सुश्री प्रिया रजक, व्यवहार न्यायाधीश वर्ग 2 आलोक अग्रवाल, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव प्रवीण मिश्रा सहित बड़ी संख्या में स्टाफ नर्सों के साथ नर्सिंग की छात्राएं उपस्थिति थी। इस कार्यशाला से प्रशिक्षण लेने के बाद स्टाफ नर्सों के द्वारा इस कानून की जानकारी आम लोगों तक भी पहुंचाई जाएगी, ताकि लिंग परीक्षण को लेकर लोगों में जागरूकता आए और देश में कन्या भूण हत्या के मामले बंद हो सके।