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पुलिस की स्वाइप मशीन जुर्माना वसूलने के साथ देगी पिछला डिटेल 

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Dec 3, 2016

रायपुर। पुलिस महकमे में ट्रैफिक की कार्रवाई के लिए कैशलेस सिस्टम तैयार करने कवायद तेज हो गई है। स्वाइप मशीनों में बैंक की तर्ज पर अपग्रेटेड सॉफ्टवेयर लगाने के लिए एक्सपर्ट्स से राय मांगी जा रही है। नई तकनीक में मौके पर लापरवाह वाहन चालक को जुर्माना कार्रवाई की पर्ची तो मिलेगी ही, उसे पूर्व में दिए गए दंड का भी ब्योरा बताया जाएगा। इस तरह के सॉफ्टवेयर बनाने के लिए पुलिस एसबीआई और एचडीएफसी बैंक के संपर्क में है। इन बैंकों के सॉफ्टवेयर इंजीनियरों ने अपग्रेटेड इंटेलिजेंट ट्रैफिक प्लान बताया।

ट्रैफिक पुलिस महकमे से मिली जानकारी के मुताबिक हाल में एक बड़ा वर्कशॉप होने के बाद मुख्यालय स्तर पर कैशलेस सिस्टम लागू करने मंथन शुरू हो चुका है। पूर्व में तैयार इंटेलिजेंट ट्रैफिक सिस्टम में ई-चालान प्रोजेक्ट बनाया गया था। इसमें स्वाइप मशीनों में जुर्माना वसूली के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया। अब इस प्रोजेक्ट के तहत ही प्लान बनेंगे, लेकिन सॉफ्टवेयर बैंक की तर्ज पर पूरी तरह हाईटेक रहेंगे। इसमें जुर्माना पर्ची कटने के साथ मोटर व्हीकल एक्ट और गाड़ी नंबर दर्ज होने तथा जुर्माना कार्रवाई की सारी जानकारियां होंगी।

स्वाइप मशीनों में सॉफ्टवेयर बताएगा

- जुर्माना कार्रवाई की राशि

- अलग-अलग श्रेणी में बरती गई लापरवाही में एमवी एक्ट

- पूर्व में लापरवाही बरतने पर हुई चालानी कार्रवाई

- गाड़ी नंबर के साथ इंजन-चेचिस नंबर का रिकॉर्ड

- स्पॉट के फिक्स पॉइंटों का कोड या जोन नंबर

अलग से बैंक खाता भी

अब तक ट्रैफिक पुलिस जुर्माना कार्रवाई के बाद पुलिस मुख्यालय के खाते से सीधे शासन के मद में राशि जमा कर देती है। अब स्वाइप मशीनों से चालान कटने की स्थिति में एक अलग खाता बनाने की भी तैयारी है। अगर व्यवस्था हुई स्वाइप मशीनों में हुए भुगतान पहले नए खाते में पहुंचेंगे, यहां से शासन को मनी ट्रांसफर हो सकेगा। सहमति बनने के बाद व्यवस्था होगी।

बैंक से सॉफ्टवेयर की जानकारी

स्वाइप मशीनों में बैंक की तरह सॉफ्टवेयर डाले जाएंगे, ताकि जुर्माना कार्रवाई के साथ पूरा ब्योरा दिया जा सके। मोटर व्हीकल एक्ट के नियम शामिल किए जाएंगे। बैंकों से सुझाव मांगे है। - बलराम हिरवानी, एएसपी ट्रैफिक