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राजनैतिक और गैर राजनीतिक संगठनों द्वारा सरकार के खिलाफ लगातार खोला जा रहा मोर्चा

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Jun 26, 2018

विभिन्न राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों के लोगों के द्वारा सोमवार को एक बैठक की गई जिसमें सरकार के खिलाफ एक बड़े आंदोलन का शंखनाद करने की सहमति बनाई गई है बैठक में जो रणनीति तय की गई है उसके तहत 16 जुलाई से जिले स्तर पर धरना प्रदर्शन की शुरुआत की जा रही है जहां जनता के बीच जाकर सरकार की नीतियों के खिलाफ लोगों को जागरुक किए जाने पर सहमति बनाई गई है बैठक में सामाजिक कार्यकर्ता आलोक शुक्ला, कांग्रेस नेता अरविंद नेताम, अखिल भारतीय आदिवासी महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष चितरंजन बख्शी, पीयूसीएल के लाखन सिंह समेत बड़ी संख्या में विभिन्न संगठनों के लोग बैठक में शामिल हुए इस दौरान सरकार के खिलाफ कई बड़े आरोप लगाए गए।

संवैधानिक अधिकारों को कुचला जा रहा

सामाजिक कार्यकर्ता आलोक शुक्ला ने मीडिया से बात करते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जनतांत्रिक अधिकारों और संवैधानिक अधिकारों को कुचला जा रहा है जनआंदोलनों को दमन करने का आरोप लगाया इसका उदाहरण उन्होंने हाल ही में हुए किसान आंदोलन, शिक्षाकर्मी आंदोलन, नर्सों का आंदोलन, आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी को बताया है उन्होंने बताया कि 16 जुलाई को होने वाले एक दिवसीय धरने में आंदोलन में विभिन्न संगठनों के लोग शामिल होंगे।

संवैधानिक तरीके से सरकार लगाए आपातकाल

उधर पूर्व केन्द्रीय मंत्री रहे आदिवासी और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अरविंद नेताम ने पूरे आंदोलन के कार्यक्रम की जानकारी दते हुए राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला उन्होंने सूबे की भाजपा सरकार पर प्रदेश में अघोषित आपातकाल लागू करने का आरोप लगाया है उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने संवैधानिक तरीके से आपातकाल लागू किया था सरकार को आपातकाल लगाना है तो वे संवैधानिक तरीके से आपातकाल लागू करे उन्होंने भाजपा के उस आरोप का भी खंडन किया जिसमें आरोप लगाया गया था कि राहुल गांधी ने पत्थलगड़ी आंदोलन को हवा दी और उनके द्वारा प्रायोजित किया गया जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि पत्थरगड़ी आदिवासी सामाजिक आंदोलन है उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कभी इस आंदोलन की पिक्चर में ही नहीं थे आदिवासी तभी आंदोलन करता है जब वे त्रस्त हो जाते हैं कानून और संविधान का पालन नहीं होता है।

संविधान खतरे में

उधर उन्होंने पुलिस आंदोलन के सूत्रधार राकेश यादव के ऊपर देशद्रोह का मामला पंजीबद्ध करने पर उन्होंने  इसे सरकार का फासिस्टवाद करार दिया है उन्होंने कहा कि सरकार सब मामलों में देश द्रोह लगाएगी छोटी धाराएं नहीं लगाएंगे आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता ज्ञापन देने गए थे उनके ऊपर बलवा की धारा लगाई गई उन्होंने कहा कि धरना प्रदर्शन करना आम आदमी का प्रजातांत्रिक अधिकार है उन्होंने कहा कि ये बीजेपी की सोची समझी चाल है और ये बीजेपी व संघ के डीएनए में है उन्होंने कहा कि आरएसएस देश के संविधान को नहीं मानते और भविष्य में संविधान को ये बदलेंगे उसकी भी ये तैयारी कर रहे होंगे ये देश के लिए एक बड़ा खतरा है प्रजातांत्रिक व्यवस्था रहेगी कि नहीं संविधान बचे रहेगा कि नहीं, सामाजिक सद्भवा- धार्मिक सद्भाव रहेगा कि नहीं ये एक बड़ा प्रश्नचिन्ह है।