Loading...
अभी-अभी:

अन्तागढ़ टेपकांड मामले में राजनीतिक सरगर्मियां हुईं तेज़, एपीआई के प्रत्याशी ने लगाए गंभीर आरोप

image

Feb 17, 2019

अमर मंडल- वर्ष 2014 में अन्तागढ़ विधानसभा उपचुनाव के उपरांत जारी हुए टेपकांड ने अन्तागढ़ ही नहीं छत्तीसगढ़ की राजनीतिक दुनिया में भी भूचाल ला दिया था। जिसके बाद से राजनीतिक गलियारों में चर्चे का माहौल था। वहीं अब अन्तागढ़ टेपकांड मामले को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज़ होने लगी हैं। 2014 के अन्तागढ़ उपचुनाव में भाजपा के प्रत्याशी भोजराज नाग को टक्कर देनेवाले एपीआई के प्रत्याशी रूपधर पुड़ो ने टेपकांड मामले में नया खुलासा करते हुए पूर्व सीएम रमन सिंह के निजी सचिव ओपी गुप्ता पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

भाजपा प्रत्याशी भोजराज नाग को निर्विरोध जिताने की बनाई गई रणनीति

अम्बेटकराइट पार्टी आफ इंडिया के प्रत्यासी रूपधर पुड़ो ने स्वराज एक्सप्रेस से चर्चा के दौरान बताया कि 2014 में हुए अन्तागढ़ विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी भोजराज नाग को निर्विरोध जिताने की रणनीति बनाई गई थी। जिसके तहत भाजपा के कार्यकर्ता और नेता, मंत्री तो काम कर ही रहे थे, साथ ही जिले के निर्वाचन अधिकारी कलेक्टर से लेकर एसपी तक के अधिकारी भी भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रहे थे, क्योंकि नामांकन वापस लेने के अंतिम दिन पर कांग्रेस के कद्दावर नेता के नाम से पहचाने जाने वाले मंतुराम पवार ने अपना नामांकन वापस ले लिया था। साथ ही अन्य नौ राजनीतिक पार्टी के प्रत्याशियों ने भी अपना नामांकन वापस लिया।

रूपधर पुड़ो को झूठे बड़े आरोप में जेल भेजने की दी गई थी धमकियां

अम्बेटकराइट पार्टी आफ इंडिया के प्रत्याशी रूपधर पुड़ो के अलावा भाजपा प्रत्याशी भोजराज नाग ही मैदान में डंटे रहे। वहीं रूपधर पुड़ो को भी अपना नामांकन वापस लेने के लिए पूर्व सीएम के निज सचिव ओपी गुप्ता ने रूपधर पुड़ो को कई दफे फोन कर नामांकन वापस लेने पर लुभावने वायदे और धमकियाँ भी दी। नामांकन वापस लेने पर ओपी गुप्ता द्वारा कहा गया कि किसी आयोग में अध्यक्ष का पद दिया जाएगा और नामांकन वापस नहीं लेने की स्थिति पर झूठे किसी बड़े आरोप में जेल भेजने की धमकियां भी दी गई। इस दौरान रूपधर पुड़ो का मोबाइल भी ट्रेस किया गया, जिससे साबित होता है कि तत्कालीन कांकेर एसपी और कलेक्टर भी भाजपा के एजेंट के रूप में कार्य कर रहे थे। परंतु रूपधर पुड़ो अंत तक मैदान में डंटे रहे और भाजपा प्रत्याशी भोजराज नाग के विरुद्ध चुनाव लड़े। बहरहाल चुनाव में भाजपा प्रत्याशी भोजराज नाग को 51530 वोट और रूपधर पुड़ो को 12086 वोट मिले और भाजपा प्रत्याशी भोजराज नाग ने जीत हासिल की।

नाटकीय ठंग से हुआ चुनाव

2014 का उप चुनाव में शुरू से ही नाटकीयकता बनी रही। नामांकन वापस लेने के दौरान भी  तमाम 10 राजनीतिक पार्टी के प्रत्याशियों ने जब नामांकन वापस लिया, तब नियमानुसार निर्धारित समयावधि हो चुकी थी। इसके बावजूद जिला निर्वाचन अधिकारी ने नामांकन स्वीकार किया। यदि तत्कालीन समय के सीसी टीवी फुटेज खंगाले जाए तो इसका खुलासा हो जाएगा। साथ ही चुनाव के दौरान भी मतदाताओं को भाजपा में वोट दिलाने के लिए जगह जगह खाने पीने की व्यवस्था और मतदाताओं को मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए वाहनों की व्यवस्था भाजपाइयों द्वारा की गई थी। इन तमाम तथ्यों की शिकायत फुटेज समेत हाईकोर्ट में अपील किया गया। लेकिन कैमरामैन ने भाजपा के दबाब में आकर अपना पक्ष रखने से मना कर दिया। इस वजह से हाईकोर्ट से रूपधर पुड़ो के खिलाफ फैसला आया।