Dec 11, 2019
आशुतोष तिवारी - किसी भी चुनाव में राजनितिक दलों के लिए सबसे बड़ी समस्या होते हैं बागी और यह समस्या तब और बड़ी हो जाती है जब चुनाव सबसे छोटे क्षेत्र के लिए हो, क्योंकि छोटे से क्षेत्र में वोटरों की संख्या कम होती है और ऐसे में बागी दावेदार हमेशा ही जीत का समीकरण बिगाङने में अहम् भूमिका निभाते हैं। जगदलपुर के नगर निगम चुनाव में भी दोनों ही प्रमुख दलों के लिए बागी प्रत्याशी सिरदर्द बन सकते हैं और यही वजह है कि जिला स्तर के पार्टी प्रमुख उन्हें मनाने व समझने की पूरी कोशिश कर रहे हैं और न मानने वालों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखने की भी बात कर रहे हैं।
बागियों पर पार्टी द्वारा कड़ी कार्यवाही कर दिखाया जायेगा बाहर का रास्ता
नगरीय निकाय चुनाव में जगदलपुर नगर निगम में पार्टियों द्वारा टिकट नहीं दिए जाने के बाद निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भरने वाले दावेदारों में से अधिकतर को पार्टी प्रमुखों द्वारा मना लिया गया है, लेकिन अभी भी कुछ दावेदार ऐसे हैं जिन्होंने अपना नाम वापस नहीं लिया है। माना जा रहा है कि चुनाव में यही बागी नेता अपनी पार्टियों के लिए समस्या पैदा कर सकते हैं। हालाँकि दोनों ही प्रमुख दलों के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने इस बात का दावा किया है कि लगभग सभी बागियों को मना लिया गया है पर जो अभी भी अपनी ज़िद में अड़े हैं उन पर पार्टी द्वारा कड़ी कार्यवाही कर बाहर का रास्ता दिखाया जायेगा। नाम वापसी के अंतिम तिथि पर कुल 16 दावेदारों ने आपने नाम वापस लिए पर दोनों ही दलों द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि उन्होंने अपने नाराज कार्यकर्ताओं को समझा लिया है। इस सम्बन्ध में कांग्रेस के शहर जिला अध्यक्ष राजीव शर्मा ने बताया कि उनकी पार्टी से नाराज कार्यकर्ताओं ने दावेदारी की थी। लेकिन उनमे से लगभग 15 दावेदारों को मना कर नाम वापस लिया गया है और जो अपना नाम वापस नहीं ले पाए वे पार्ट्री के पक्ष में कार्य करेंगे। बावजूद इसके यदि कोई संगठन विरोधी कार्य करता है तो पिछले निगम चुनाव में 29 सदस्यों पर की गई कार्यवाही के समान इस बार भी कार्यवाही की जाएगी।