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कवर्धाः हाईब्रिड किस्म के धान की बोआई निकली खराब, किसानों को हुआ भारी नुकसान

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Sep 1, 2019

प्रदीप गुप्ता – कवर्धा जिले के किसानों के लिए इस साल हो रही बारिश वरदान साबित हुई है क्योंकि विगत तीन साल से जिला सूखाग्रस्त था। ऐसे में बारिश से किसानों के चेहरे खिले नजर आ रहे हैं, इस साल धान की फसल अच्छी होगी। दूसरी तरफ ग्राम कुसुमघटा, चचेडी, नेउर गांव के किसानों के लिए धान की फसल घाटे का सौदा साबित हुआ, क्योंकि गांव के 50 से अधिक किसानों ने जिस हाईब्रिड किस्म के धान की बोआई की थी, वह खराब निकली है। धान को बोये हुए 15 से 20 दिन ही हुआ है और अभी से ही बालिया नजर आ रही है जो कि चावल नहीं बन पायेगा। ऐसे में गांव के किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पडेगा।

125 एकड़ से ज्यादा खेतों में की गी थी हाईब्रिड धान फोर्ड 140 की बोआई

अच्छी फसल की उम्मीद लगाये ग्राम कुसुमघटना के 50 से अधिक किसानों ने धान के हाइब्रिड किस्म की बोआई की थी, किसानों ने कृषि केन्द्र के माध्यम से फोर्ड 140 किस्म के धान की बोआई की। यह धान यह बोल कर किसानों को बेचा गया था कि इनमें कीट नहीं लगते साथ ही प्रति एकड़ धान भी 35 से 35 क्विंटल तक होता है। तीन साल से सूखा झेल रहे किसान कंपनी के बातों में आकर इस धान की बोआई किये, लेकिन अब कंपनी के झूठ वायदों की पोल खुलकर सबके सामने आ चुकी है। धान की बोआई किये 15 से 20 दिन ही हुआ है और अभी से ही बालियां निकलना शुरू हो चुकी हैं। सामान्यतः धान की खेती पर 90 से 100 दिन में फसल तैयार होता है, लेकिन मात्र 15 से 20 दिन में बालियां आना किसानों के लिए घाटे का सौदा है। किसानों का मानना है कि ऐसा पहली बार देखा गया है कि मात्र 15 दिन में ही बालिया आ चुकी हैं, यह पकने के बाद धान में कंसा (चावल) नहीं रहता। सूखी बालियां ही रहती हैं। क्षेत्र में  नाथबायो जिंस इंडिया लिमिटेड कंपनी के हाइब्रिड धान फोर्ड 140 किस्म को 50 से अधिक किसानों ने 125 एकड़ से ज्यादा रकबा में बोआई की है, जो कि पूरी तरह से खराब होने की कगार पर है। मामला सामने आने के बाद अब किसानों ने कंपनी के खिलाफ कार्यवाई करने तथा मुआवजा की मांग की है। वहीं कृषि विभाग धान का सैम्पल लेकर जांच के लिए भेजे है साथ ही कंपनी को भी नोटिस जारी किया गया है। जांच के बाद आगे की कार्यवाई की जायेगी।