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छः सूत्रीय मांगों को लेकर नर्सों की हड़ताल, डॉक्टर मरीज दोनो परेशान

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May 23, 2018

अपनी छः सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल में गई नर्सों की अनुपस्थिति का असर अब  शासकीय अस्पतालों में दिखने लगा है जहां मरीजो के इलाज सही समय पर नही होने से परिजन नाराज होकर डॉक्टर्स पर भड़ास निकाल रहे हैं वही डॉक्टर्स  नर्सो के हड़ताल के कारण अपनी परेशानी और  मजबूरी परिजनों से बयान कर रहे है।

परिजन भी हो रहे परेशान

अपनी पदोन्नति और ग्रेड पर की सहित छः सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले 6 दिनों से नर्सेस हड़ताल पर है इससे मरीजो को समय पर इलाज तो नही मिल पा रहा है इसकी वजह से साथ मे आये परिजन भी परेशान हो रहे है तखतपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लगातार प्रसव के लिए और दुर्घटना में घायल मरीज आ रहै है।

अकेले प्रसव करने में डॉक्टर भी असमर्थ

प्रसव के लिए डॉक्टर के साथ अनुभवी नर्स का होना भी आवश्यक होता है ऐसे में जब नर्सेज हड़ताल पर है डॉक्टर भी अकेले प्रसव करने में असमर्थता की स्थिति में दिख रहे है वही प्रसव के लिए आई प्रसूता को एम्बुलेंस से उतारने में वार्ड बॉय को मदद के लिए आना पड़ रहा है दुघटना में घायल लोगो को वार्ड में देख रेख करने वाली नर्सों के नही रहने से वार्ड में भर्ती नही भेज रहे है।

ANM भी रही ड्यूटी से नदारत

ऐसी विषम परिथिति में जिन ANM को नर्स का कार्य प्रभार सौंपा गया था उनमे से एक-दो ही अपनी ड्यूटी पर आई बाकी की इंसानियत शायद आराम से सोती रही और ANM अपनी ड्यूटी से नदारत रही इसके कारण प्रसूताओं का इलाज सुबह तो हुआ लेकिन दोपहर और शाम तक उन्हें देखने और पूछने वाला भी कोई नही था।

किया जायेगा नोटिस जारी

BMO डॉ निखलेश गुप्ता  ने ड्यूटी से गायब रहने वाली ANM के कारण बताओ नोटिस जारी करने और निलंबित करने की अनुशंसा करने की बात कही है बहरहाल नर्सेज की हड़ताल 6 दिनों से जारी है और दिनों दिन शासकीय अस्पतालों की व्यवस्था भी बिगड़ति जा रही है सरकार को जहां नर्सेज की हड़ताल तोड़ने के लिए उचित निर्णय लिए जाने की आवश्यकता है वही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व्यवस्था बनाये रखने के लिए कठिन समय मे अपने उत्तरदायित्व से भागने वालो को सही नसीहत देते हुए कठोर कार्यवाही करने की आवश्यकता है।