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अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सत्ता को चुनौती दे रहे हैं हड़ताली

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May 30, 2018

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने में अब महज चंद महीने बाकी हैं सत्ताधारी दल सत्ता को बरकरार रखने की कवायद में जुटा है विपक्ष सत्ता पर काबिज होने के इरादे से मैदान में जमा है इधर संगठनों की बेतरतीब व्यवस्था के बीच जारी हड़ताल या हड़ताल की चेतावनी से सरकार भयभीत नजर आ रही है।

आलम यह है कि सत्ताधारी पार्टी यानी बीजेपी की प्रमुख नेताओं की बैठकों में भी इन हड़तालों के नतीजों का आंकलन किया जा रहा है आंकलन इस बात का कि इन हड़तालों का कितना ज्यादा असर पार्टी को मिलने वाले वोट पर पड़ेगा बीते दिन बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय प्रदेश संगठन की कामकाज की समीक्षा लेने जब रायपुर पहुंचे तो बैठक के दौरान उन मुद्दों पर भी रायशुमारी की जिससे चुनावी नतीजे प्रभावित हो सकते हैं।

बीजेपी के ज्यादातर पदाधिकारियों ने दो टूक कहा कि प्रदेश में शिक्षाकर्मी, आंगनबाड़ी, मितानिन, नर्स समेत विभिन्न संगठनों की हड़तालों का असर नतीजे प्रभावित कर सकते हैं ऐसे में संगठन ने अब इन नतीजों को बिगड़ने से पहले हल ढूंढने की जिम्मेदारी सत्ता पर सौंप दी है।

छत्तीसगढ़ में इस वक्त मितानिनों और नर्सों की हड़ताल जारी है शिक्षाकर्मी संविलियन की मांग को लेकर एक बार फिर बेमियादी हड़ताल पर जाने का ऐलान कर चुके हैं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की लंबे समय तक चली हड़ताल मामूली सुलह के साथ खत्म हुई है दीगर संगठनों की भी हड़ताल की सुगबुगाहट तेज है जाहिर है सरकार इनके उपायों पर मंथन कर रही होगी इन सबके बीच सूबे के मुखिया डॉ रमन सिंह ने कहा है कि यह हड़ताल का मौसम है चुनाव के पहले अपनी-अपनी मांगों को लेकर संगठन हड़ताल करते हैं हर पांचवें साल चुनाव के चार महीने पहले ऐसा थोड़ा मूवमेंट होता है लेकिन यह सब जल्द ठीक कर दिया जाएगा।