May 7, 2018
सुकमा जिले में नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ के बाद बरामद रायफल को लेकर पुलिस सकते में है। दरअसल जर्मन मेड जी-3 रायफल आखिरकार नक्सलियों के पास कैसे पहुँची। क्योंकि इस रायफल का उपयोग भारत की फोर्स नही करती है। इसलिए सुरक्षा एजेंसी सतर्क हो गई है और रायफल को लेकर जांच की जा रही है।
बता दें 3 मई को सुकमा जिले के किस्टाराम इलाके में डीआरजी जवानों के साथ नक्सलियों कि मुठभेड़ हुई थी। मुठभेड़ के बाद सर्चिंग करने पर भारी मात्रा ने हथियार बरामद हुए थे। पुलिस एके 47 को बड़ा हथियार मान कर चल रही थी और दूसरे हथियार को एसएलआर बता रही थी। लेकिन कल जब एसपी अभिषेक मीणा ने हथियार को बारीकी से देखा तो पता चला कि वो जर्मन मेड है। और जी-हथियार है। जिसकी क्षमता एके 47 से ज्यादा है। दूर से हमला करने के लिए बेहतर हथियार है।
5 साल पहले ऐसे हथियारों की सूचना पुलिस के पास थी लेकिन कोई सबूत नही थे। इस बार बरामद हुई जी 3 ने पुलिस के साथ साथ सुरक्षा एजेंसी को हैरान कर दिया। इधर पुलिस भी इस हथियार को लेकर जानकारी जुटा रही है। सूत्रों की मानें तो यह हथियार पड़ोसी देश पाकिस्तान उपयोग करता है। लेकिन नार्थ में उल्फा संगठन ने भी उपयोग किया हैम