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स्कूलों के ई-अटेंडेंस सिस्टम पर शिक्षक संघों ने किया विरोध प्रदर्शन

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Mar 31, 2018

प्रदेश के स्कूलों में ई-अटेंडेंस प्रणाली अनिवार्य रूप से लागू होने से घरघोड़ा तहसील के समस्त शिक्षक संघों ने लामबंद होकर ई-अटेंडेंस प्रणाली को अव्यवहारिक अनुचित व पूर्व के शासनादेशों के विरुद्ध बताते हुए इस व्यवस्था को तत्काल बन्द किये जाने की मांग को लेकर आज तहसील कार्यालय के सामने जमकर प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव के नाम एस.डी.एम. को ज्ञापन सौंपा है।

कर्मचारी संघ के नेताओं का क्या है कहना
कर्मचारी संघ के नेताओं ने बताया है कि ई-अटेंडेंस सिस्टम में ढेर सारी कठिनाइयां हैं, जिनसे शिक्षक भारी परेशान हो रहे हैं, उन्होंने कहा है कि शासन के इस तुगलकी फरमान को लेकर प्रदेश के शिक्षकों में दिन-प्रतिदिन आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। प्रदर्शन के दौरान उपस्थित शिक्षकों ने कहा कि प्रदेश के स्कूलों में ई-अटेंडेंस प्रणाली लागू किए जाने से समाज में शिक्षकों की कर्तव्यपरायणता व निष्ठा पर संदेह व्यक्त किया जाएगा तथा शिक्षकों की गरिमामयी प्रतिष्ठा व स्वच्छ छवि पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।

कॉसमॉस टेबलेट में कई प्रकार की तकनीकी समस्याएं
शिक्षक नेताओं ने कॉसमॉस टेबलेट में कई प्रकार की तकनीकी समस्याओं का होना बताया, जैसे समय पर टेबलेट चालू ना होना, हैंग हो जाना, सर्वर फेल होना, सेंसर का काम ना करना, रिचार्ज ना होना, ऐप का ऑटो डिलीट हो जाना, डाटा अपलोड ना होना तथा यथा-समय स्थानीय स्तर पर इन तकनीकी समस्याओं का समाधान नहीं होना, वगैरह कई कठिनाइयां गिनाते हुए इसके बहिष्कार की बात कही है। 

विद्युत व्यवस्था ना होना
उन्होंने आगे बताया कि कई स्कूलों में विद्युत व्यवस्था ना होने के कारण टेबलेट को चार्ज करने हेतु प्रभारी को अपने घर ले जाना पड़ता है, जिससे टैबलेट में अन्य स्थान का लोकेशन दर्ज हो जाता है, जिससे विभिन्न संस्थाओं के प्रधान पाठक व शिक्षकों को कई प्रकार की अनावश्यक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। 

तकनीकी खराबियों के संस्था प्रमुख होंगे जिम्मेदार
कॉसमॉस टेबलेट में आने वाली तकनीकी खराबियों व टूट-फूट के लिए संस्था प्रमुख को जिम्मेदार मानकर संबंधित से राशि वसूल किए जाने की शर्त रखी गई है, जो कि सर्वथा अनुचित व दमनकारी है। कर्मचारी नेताओं ने आगे बताया कि छत्तीसगढ़ शिक्षा-संहिता में शिक्षकों की उपस्थिति, नियंत्रण, आकस्मिक अवकाश आदि की स्वीकृति का अधिकार संस्था प्रमुख को प्रदान किया गया है, परंतु उक्त प्रणाली को लागू कर प्रदेश के राजपत्रित प्रधान पाठकों और प्राचार्यों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है, जो कि छत्तीसगढ़ शिक्षा-संहिता का स्पष्ट उल्लंघन है। 

ई-अटेंडेंस प्रणाली से बढी शिक्षकों की समस्याएं
अब तक शिक्षकों की वेतन, संबंधित संस्था प्रमुख द्वारा प्रस्तुत उपस्थिति प्रतिवेदन के आधार पर तैयार किया जाता है, परंतु ई-अटेंडेंस प्रणाली लागू होने के पश्चात विभिन्न प्रकार की तकनीकी समस्याओं की संभावना है, जिससे शिक्षकों का वेतन समय पर ना मिलने के कारण उनके परिवार को अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ेगा। ई-अटेंडेंस प्रणाली में समय पूर्व उपस्थित होने की अनिवार्यता है, इस कारण आकस्मिक विलंब होने की स्थिति में अनुपस्थिति दर्ज हो जाने की आशंका से भयग्रस्त होकर अधिकांश शिक्षक काफी तेजी से वाहन चलाकर  स्कूल पहुंचने को बाध्य हो रहे हैं।

99% स्कूलों में शिक्षकों के लिए नहीं है शासकीय आवासीय भवन
उक्त व्यवस्था लागू किए जाने के बाद से प्रदेश के कतिपय स्थानों से कई शिक्षक-शिक्षिकाओं के दुर्घटनाग्रस्त होने के दुखद समाचार प्राप्त हो रहे हैं, जो कि अत्यंत गंभीर वह चिंतनीय है। साथ ही प्रदेश के लगभग 99% स्कूलों में शिक्षकों के लिए शासकीय आवासीय भवन नहीं है, जिस कारण उन्हें स्कूल से दूर किराए के मकानों में निवास करना पड़ता है। कुछ आदिवासी बाहुल्य जिलों में तो कई ऐसे स्थान हैं, जो कि बरसात के समय पहुंच विहीन हो जाते हैं।

अतः जब तक प्रदेश के सभी स्कूलों के समीप शिक्षकों के लिए शासकीय आवास की व्यवस्था नहीं हो जाती, तब तक उक्त ई-अटेंडेंस प्रणाली को लागू किया जाना उचित नहीं होगा। उक्त प्रणाली में मात्र शिक्षकों के लिए ही अटेंडेंस की व्यवस्था है, जबकि अन्य कर्मचारी पूर्ववत हाजिरी रजिस्टर में ही उपस्थिति दे रहे हैं। इस प्रकार एक ही विभाग के कर्मचारियों के बीच उपस्थिति की अलग-अलग व्यवस्था कर शासन द्वारा शिक्षकों से पक्षपातपूर्ण व्यवहार किया जा रहा है । 

डाटा कनेक्टिविटी की सुविधा उपलब्ध हो 
घरघोड़ा विकासखंड के कया संकुल की तरह प्रदेश के कई ऐसे सुदूर वनांचल हैं, जहां कोई भी मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध नहीं है। ऐसे स्थानों में ई-अटेंडेंस की व्यवस्था संभव नहीं है, इसलिए जब तक प्रदेश के समस्त स्कूलों में डाटा कनेक्टिविटी की सुविधा उपलब्ध नहीं हो जाती, तब तक ई-अटेंडेंस की व्यवस्था को लागू किया जाना उचित नहीं होगा। इसके अतिरिक्त प्रदेश के अधिकांश छात्रावासों में शिक्षक संवर्ग के कर्मचारी ही छात्रावास अधीक्षक का कार्य कर रहे हैं, तथा कई शिक्षक स्थानीय व्यवस्था के तहत शिक्षक विहीन और एकल शिक्षकीय शालाओं में संलग्न किए गए हैं। 

बता दें कि ई-अटेंडेंस सिस्टम की ढेर सारी खामियां और अपनी समस्याएं गिनाते हुए शिक्षकों ने उक्त समस्त कठिनाइयों और समस्याओं के निराकरण होने तक कॉसमॉस टेबलेट से ई-अटेंडेंस लेने की व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से बन्द करने की मांग की है, साथ ही मांगे ना माने जाने की स्थिति में शासन को आंदोलन की चेतावनी भी दी है ।