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घटिया निर्माण का मामला, पिछली सरकार के कामकाज की खुल सकती है कलई

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Feb 22, 2019

आशीष तिवारी- जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने कल छत्तीसगढ़ विधानसभा में इसका ऐलान किया है। विधानसभा में एनीकट बह जाने और घटिया निर्माण को लेकर लगातार मामले उठ रहे हैं। इस बीच रविंद्र चौबे के इस ऐलान के बाद पिछली सरकार के कामकाज की कलई भी खुल सकती है। दरअसल सत्ता में कांग्रेस सरकार के काबिज़ होने के बाद अब तक इस तरह के किसी भी नए निर्माण कार्य की स्वीकृति नहीं दी गई है। जिन एनीकटों में गड़बड़ी के आरोप लग रहे हैं, इनका निर्माण पिछली सरकार के दौरान हुआ था। ऐसे में सदन में जांच के ऐलान के बाद इस मामले पर एक बार फिर सियासत शुरू हो गई है।

जिम्मेदार अधिकारियों की संपत्ति होनी चाहिए जप्त

बजट सत्र के दौरान कल जांजगीर-चांपा में हसदेव नदी पर बने एनीकट के बह जाने का मामला सदन में उठा। भाजपा विधायक नारायण चंदेल ने मामला उठाते हुए कहा, "हसदेव नदी में पीथमपुर से हथनेवरा के बीच सोठी एनीकट घटिया निर्माण होने की वजह से बह गया। इससे लोगों में नाराजगी है।" चंदेल सरकार से घटिया निर्माण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की संपत्ति जब्त करने की मांग की। उन्होंने कहा, "जिम्मेदार अधिकारियों की संपत्ति जप्त होनी चाहिए। छोटे अधिकारियों पर ही कार्रवाई हो जाती है, जबकि बड़े अधिकारी बच जाते हैं। बड़े अफसरों पर कार्रवाई कब होगी?"

इधर पामगढ़ विधायक इंदू बंजारे ने भी हसदेव नदी में बनाए गए एनीकट में गड़बड़ी को लेकर सरकार का ध्यान खींचा। सदस्यों के सवालों के बीच स्पीकर डाक्टर चरणदास महंत ने भी मंत्री रविंद्र चौबे से सवाल पूछा। उन्होंने कहा कि एनीकटों के गुणवत्ताविहीन निर्माण और भ्रष्टाचार को लेकर सदस्यों के द्वारा प्रश्न उठाया जा रहा है। स्पीकर ने कहा कि "प्रदेश में जितने भी एनीकेट बने हैं? उनकी क्या स्थिति है? कितने टूटने वाले है? इसकी भी समीक्षा की जाए।

बड़ी कार्यवाही करते हुए ईई को किया निलंबित

जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने एनीकटों के निर्माण में हुई गड़बड़ी को गंभीर माना है। उन्होंने सभी एनीकटों की जांच किए जाने का ऐलान सदन में करते हुए कहा है कि जांच में दोषी पाए जाने वाले जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. चौबे ने यह भी कहा कि एनीकटों की गुणत्ता की भी जांच कराई जाएगी। इधर एनीकटों में हुई गड़बड़ी के बीच जेसीसी विधायक देवव्रत सिंह ने कोरबा में एसईसीएल द्वारा हसदेव तट नहर की दिशा परिवर्तित किए जाने के मामले में कई गंभीर आरोप लगाए। जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने माना कि गंभीर चूक हुई है। उन्होंने इस मामले में बड़ी कार्यवाही करते हुए ईई को निलंबित करने के साथ ही जांच का भी ऐलान किया है। जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने सदन में ऐलान करते हुए कहा, "एक्जीक्यूटिव इंजीनियर को निलंबित करेंगे। कार्य क्षेत्र के बाहर जाकर किये गए काम की जांच भी की जाएगी।" बहरहाल विपक्ष के तमाम आरोपों के बीच भले ही राज्य सरकार ने सदन में जांच का ऐलान किए जाने की बात कही है, लेकिन हकीकत यह है कि तमाम गड़बड़ियां पिछली सरकार में हुई है, यानी सवाल उठाने वाले ही दोषियों की जमात का हिस्सा है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि जांच के बाद कार्रवाई की जद में कौन होगा।