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शिकायतकर्ता से मिले बगैर ही जांच कर लौटी टीम, मामले की उच्च स्तर पर शिकायत करेंगे पूर्व विधायक

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Sep 23, 2019

सुरेश नागर : तहसील की ग्राम पंचायत महुआ में गड़बड़झाले की जांच करने पहुंचे अधिकारियो की कार्यप्रणाली भी अब सवालो के घेरे में आ गयी है। 
परसूखेड़ी व महुआ में जांच के लिए पहुंचे अधिकारियो ने शिकायतकर्ताओं के कथन लिए ही बगैर ही अपनी जांच पूरी कर ली। शिकायतकर्ता के मुताबिक जनपद सीईओ सहित अन्य अधिकारी केवल पंचायत के दबंगो के घर चाय पीकर और कुछ देर पंचायत भवन में बैठकर वापस लौट आए। 

इन अधिकारियों ने शिकायतकर्ताओं से बातचीत करना तो दूर निर्माण कार्यों का निरीक्षण भी नहीं किया। जिसके चलते पंचायत की जांच भी महज औपचारिक बनकर रह गई है। जानकारी के अनुसार इस मामले की पूर्व विधायक गिरीश भंडारी ने वरिष्ट स्तर पर शिकायत की है। लेकिन जांच में इस तरह की लीपापोती को देखकर अब पूर्व विधायक सीधे विभाग के मंत्री और आला-अफ सरो से मुलाकात करने की बात कह रहे है। उल्लेखनीय है कि मामले को लेकर पत्रिका द्वारा लगातार खबरो का प्रकाशन किया जा रहा है। 

मिलीभगत से चल रहे गड़बड़झाले - 
महुआ पंचायत में सीसी निर्माण के दौरान नाली निर्माण नही किया जाना, लाखो रूपए की लागत से घटिया पुलिया निर्माण, सगे संबंधियो के नाम मस्टर चढ़ाकर राशि में झोलझाल सहित एक ही फ र्म के नाम से लाखो रूपए के बिल लगाए जाने सहित अनियमित्ताओ के कई मामले है। लेकिन बिना मौके पर निरीक्षण कर लौट आना कही ना कही अधिकारियो की मिलीभगत को भी उजागर करता है। क्योंकि घटिया निर्माण के मामलो में पंचायतकर्मियो के साथ-साथ मूल्यांकन कर्ता अधिकारियो की भी बराबर जवाबदेही रहती है। ऐसे में इन अधिकारियो पर भी जांच का शिंकजा कसना चाहिए। जानकारी के अनुसार महुआ पंचायत के मामले में कई राजनीतिक रसूखदार नेता भी अपनी दोषीयो के बचाने में लगे हुए है। 

परसुखेड़ी में मिली अनियमित्ताऐ - 
इधर जांच टीम को परसुखेड़ी पंचायत में खासी अनियमित्ताऐ देखने को मिली है। विशेषकर पीएम आवास एवं सार्वजनिक कूप, श्मशान कूप में फ र्जी जियोटेक कर राशि गबन किए जाने के मामले सामने आए है। इसके अतिरिक्त पंचायत में कई अनियमित्ताऐ भी देखने को मिली है। फि लहाल देखना यह होगा कि आखिरकार गड़बड़झालो के इन मामलो में क्या कार्रवाई होती है।