Sep 4, 2018
चंद्रकांत देवांगन - शहीद जवान डोमेश्वर साहू की पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर के सबसे संवेदनशील जिले राजौरी में थी। परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार दोपहर उन्हें फोन से सूचना मिली कि उनका बेटा ड्यूटी के वक्त कार्य करते शहीद हो गया है, जिसके बाद शहीद जवान का पार्थिव शरीर लाने के लिए वे जम्मू रवाना हो गए थे। दिल्ली से फ्लाइट के जरिए जवान का शव आज रायपुर लाया गया। जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार गृहग्राम उमरपोटी में किया गया।
शहीद के पिता ने दिया भावुक संदेश
शहीद के पिता ने नम आंखों से कहा कि उनके 3 पुत्र है वो चाहते थे कि एक बेटा माँ-पिता की सेवा करे दूसरा देश की और तीसरा गाँव और समाज की सेवा करे मेरे बेटे डोमेश्वर ने अपना फर्ज निभाते हुए देश की सेवा की और शहीद हो गया। वही डोमेश्वर के भाई की माने तो उनका कहना था कि अपने भाई के चले जाने का उन्हें बहूत दुःख है पर इस बात पर फक्र भी है कि वो अपने प्राण देश की सेवा करते हुए न्योछावर कर दिया, उसके इस बलिदान से गाँव और प्रदेश के युवा देशसेवा के लिए प्रेरणा ज़रूर लेंगे।
भूपेश बघेल पहुंचे श्रद्धांजलि देने
शहीद को श्रद्धांजलि देने पहुंचे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल का कहना था कि ऐसे महान सपूत को जन्म देने वाले माता पिता पर पूरे प्रदेश को गर्व है एक अपूर्णीय क्षति ज़रूर है पर इस वक्त में पूरा गांव परिवार के साथ खड़ा है और डोमेश्वर का नाम युवाओ के बीच मे प्रेरणा स्रोत बनकर हमेशा यादगार रहे उसके लिये प्रयास किये जायेंगे। वही पूर्व विधयक विजय बघेल ने इस शहादत को लोगो के लिए प्रेरणा बताते हुए कहा कि पाटन शुरू से ही क्रांतिकारी और शहीदों की धरती रही है डोमेश्वर ने भी इस धरती का मान बढ़ाते हुए देशसेवा में अपना योगदान देते हुए शहादत को प्राप्त हुआ है यह आने वाले समय मे यहाँ के युवाओं को देशसेवा की प्रेरणा के लिए प्रेरित करता रहेगा।
बहुत ही महनती थे डोमेश्वर साहू
वही शहीद जवान डोमेश्वर साहू ने अपने उमरपोटी गृहग्राम में स्थित के शासकीय स्कुल से ही शिक्षा ग्रहण किया डोमेश्वर के टीचर ने बताया कि वहा बचपन से ही सरल सहभाव का था और पढाई में भी काफी मेहनती था और शुरुआत से डोमेश्वर देश की सेवा में जाने की इच्छा था जब भी गाँव आता था मुलाकात करके जाता था आज उसके शहीद होने से मुझे महसुस हो रहा है कि जैसे मैंने अपने बेटा को खोया है।