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स्वच्छता अभियान की उड़ी धज्जियां, शहर के मध्य से गुजरने वाली दूध नदी का अस्तित्व खतरे में

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Jan 28, 2019

सुशील सलाम - शहर के मध्य से गुजरने वाली दूध नदी के अस्तित्व को खतरे में पड़ता जा रहा है और शहर की शान कहे जाने वाली दूध नदी के तट पर पूरे शहर की गन्दगी फेंकी जा रही है यह वही दूध नदी है जिसके एक तट पर स्वच्छता अभियान के तहत  चार साल से सफाई अभियान चलाया जा रहा है और इसी नदी के दूसरे तट पर पूरे शहर का कचरा डंप कर इस नदी के अस्तित्व को ही खतरे में डाला जा रहा है।

कचरा डंप करने के लिए नहीं मिल रही जगह

शहर के कचरे को डंप करने नगर पालिका जमीन नही होने का हवाला देती है जो कि दर्शाता है कि प्रशासन और पालिका में ही आपसी सामंजस्य की कमी है इतने बड़े नगर पालिका क्षेत्र में कचरा डंप करने पालिका बीते 5 सालों से जगह नही तलाश पा रही है इसके पहले  गोवर्धन गांव में शहर का कचरा डंप किया जाता था लेकिन बाद में इस गांव ने हाथ पीछे खींच लिया और पालिका तब से अब तक जगह की तालाश ही कर  रही है।

पालिका और प्रशासान मामले को नहीं ले रहा गंभीरता से

पालिका का कहना है कि जमीन को लेकर कई बार जिला प्रशासन से गुहार लगाई जा चुकी है लेकिन जमीन नही मिल पाने के कारण मजबूरन नदी तट पर खाली जगह पर कचरा डंप करना पड़ रहा है पालिका और प्रशासान कि इस मामले में  गम्भीरता से नही लेने के चलते  दूध नदी कचरों से पटती जा रही है।