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धरसीवाः पुलिस में शिकायत करने के पहले ही हो गई महिला व उसके पुत्रों की हत्या

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Oct 11, 2019

सुरेंद्र जैन - उरला थाने के वाना गांव की एक विधवा महिला अपने बैंक खाते से एक लाख चालीस हजार रुपये निकल जाने की शिकायत गुरुवार को थाना में करने वाली थी। शिकायत करने से पहले ही उस महिला और उसके बच्चों की हत्या कर दी जाती है और उसी के घर में शव को जला दिया जाता है। इस घटना से ग्रामीण सकते में हैं। उरला पुलिस को सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची तो लोक निर्माण विभाग में लेबर का काम करने वाली दुलारिन बाई और उसके दो बेटों के जले हुए शव उनके घर में मिले। जहां खून के निशान भी पाए गए, लेकिन कहीं भी आसपास कोई ऐसा धारदार हथियार पुलिस को नहीं मिला, जिससे स्प्ष्ट हो कि हत्या किस हथियार से की गई। पुलिस ने मौका पर पंचनामा के बाद शवों को पोस्ट मार्टम के लिए भेजकर तफ्तीश शुरू कर दी है।

मृतका के खाते से एक लाख चालीस हजार रुपये किसी ने निकाल लिये थे

इधर इस मामले को लेकर विधवा महिला दुलारिन के पड़ोसी और साथ में लेबर का काम करने वाले पवन निषाद ने बताया कि मृतका के पति नेतराम निषाद लोक निर्माण विभाग में ही काम करते थे। 8 माह पूर्व उनकी मृत्यु उपरांत उनकी पत्नी दुलारिन को लेबर का काम उसी विभाग में मिला। शनिवार को वह स्टेट बैंक बैरन बाजार रायपुर खाते से पैसे निकालने गई। वहां जाकर पता चला कि उसके खाते से एक लाख चालीस हजार रुपये किसी ने निकाल लिये। कल हमारी उनसे बातचीत हुई, तब यह बात हुई कि गुरूवार की सुबह उरला थाना में जाकर खाते से रुपये निकलने की शिकायत करेंगे, लेकिन रात को ही यह घटना हो गई। ग्रामीणों के मुताबिक सुबह जब उन्होंने देखा तो चेनल गेट अंदर से बन्द नहीं था।

मृतका नेतराम की दूसरी पत्नी थी

ग्रामीणों के मुताबिक नेतराम की दो शादियां हुई थी। पहली पत्नी से चार बेटियां हुई। तीन का विवाह हो गया, एक लड़की 19 साल की है, जिसका विवाह अभी होना था। पहली पत्नी की मौत के बाद नेतराम ने दूसरी शादी की थी। दूसरी पत्नी दुलारिन ने पहली पत्नी की बेटियों को भी सगे बच्चों की तरह ही प्यार से रखा। कभी कोई भेदभाव नहीं किया। दुलारिन के दो बेटे हुए और आठ माह पूर्व नेतराम की मृत्यु हो गई। नेतराम की मृत्यु के उपरांत भी जीवन से संघर्ष जारी रखते हुए दुलारिन ने अपने दो बेटों ओर अपने पति की पहली पत्नी की बेटी को अच्छी तरह से रखा। पहली पत्नी की एक बेटी जिसका विवाह नहीं हुआ, वह हमेशा मृतका के साथ ही रहती थी, लेकिन घटना की रात वह मृतका के साथ नहीं थी, क्योंकि वह दशहरा देखने मुर्रा गांव रिश्तेदार के यहां गई हुई थी।