Aug 2, 2018
हेमंत शर्मा : राजधानी में चिकित्सक और छात्राओं के लिए कार्यशाला आयोजित हुई जिसमें माताओं को स्तनपान कराने पर जागरूक करने जोर दिया गया। विश्व स्तनपान सप्ताह हर साल अगस्त माह के पहले सप्ताह 1 अगस्त से 7 अगस्त तक मनाया जाता है। इसका उद्देश्य महिलाओं को स्तनपान एवं कार्य को दृढ़तापूर्वक एक साथ करने का समर्थन देना है। साथ ही इसका यह उद्देश्य है कि कामकाजी महिलाओं को उनके स्तनपान संबंधी अधिकार के प्रति जागरूकता प्रदान करना।
यह सप्ताह केवल घरों में ही कामकाज के स्थानों व कार्यालयों में भी इस प्रकार का माहौल बनाने पर बल देता है, जिससे कि स्तनपान कराने वाली महिलाओं को किसी भी प्रकार की असुविधाएं न हो। इसी कड़ी में बुधवार को राजधानी के एनएचएमएमआई हॉस्पिटल में स्तनपान विशय पर शहर के सभी अस्पताल के डाक्टरों की कार्यशाला आयोजित की गई। वर्ल्ड ब्रेस्ट फीडिंग वीक पूरी दुनिया में विश्व स्वास्थ्य संगठन के पहल पर मनाया जाता है।
कार्यक्रम का उद्देश्य सुखद मातृत्व को बढ़ावा देना
इस प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा एक सुखद मातृत्व को बढ़ावा देना है। बच्चे के लिए मां का दूध बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है जिससे बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। कार्यषाला में वक्ताओं ने जानकारी दिया कि शिशु को 6 महीने की अवस्था के बाद भी लगभग 2 वर्ष तक अथवा उससे अधिक समय तक स्तनपान कराने की सिफारिश की जाती है। साथ ही साथ 6 माह के बाद बच्चे को साथ-साथ पौष्टिक पूरक आहार भी देने की बात कही जाती है। एनएचएमएमआई हॉस्पिटल के स्त्री रोग विषेशज्ञ डॉ.ज्योत्सना गुप्ता की माने तो ग्रामीण क्षेत्रों में मां का दूध बच्चे को पिलाया ही जाता है। लेकिन शहरों में पोषण तो बहुत अच्छे रहते हैं लेकिन कई गलत धारणा ज्यादा होते है जिससे शहरी माताए स्तन पान नही कराती। इसीलिए माताओं को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम चलाया जा रहा है
मां के स्तन का पहला दूध कोलेस्ट्रम संपूर्ण आहार होता है
ब्ल्यूएचओ के अनुसार, नवजात शिशु के लिए पीला गाढ़ा चिपचिपा युक्त मां के स्तन का पहला दूध कोलेस्ट्रम संपूर्ण आहार होता है, जिसे बच्चे के जन्म के तुरंत बाद 1 घंटे के भीतर ही शुरू कर देना चाहिए। इसके अलावा सामान्यतः बच्चे को 6 महीने की अवस्था तक नियमित रूप से स्तनपान कराते रहना चाहिए।
मां का दूध बच्चे के लिए अनमोल उपहार
मां का दूध बच्चे के लिए अनमोल उपहार है। नवजात शिशु एवं बच्चे को पर्याप्त सुरक्षा, स्नेह तथा पोषण की आवश्यकता होती है। स्तनपान उन सभी को पूरा करता है। मां का दूध बच्चे के संपूर्ण विकास के लिए पोषण का सबसे अच्छा स्रोत होता है। मां के दूध का कोई अन्य विकल्प नहीं होता है। जाहिर है बच्चें का मां के द्वारा स्तनपान कराना बच्चे के लिए ही नहीं, मां के स्वास्थ्य के लिए भी काफी जरूरी है। स्तनपान के विरोधाभास को दूर करने अब चिकित्सकों ने अभियान चलाया है।