Aug 28, 2019
शशिकांत डिक्सेना : अंबिकापुर बाईपास में 7 साल पहले वर्ष 2012 ढ़ेलवाडीह से पतरापाली को जोड़ने के लिए आरा नदी पर बनाए गए पुल में अब भारी वाहन दौड़ रहे हैं। कटघोरा बाईपास मैं भारी वाहन के कारण क्षमता से अधिक होने के कारण कभी भी हादसा हो सकता है। फिर भी उनकी मरम्मत कराई नहीं जा रही है। ग्रामीण सड़क पर बने पुल को छोटे वाहनों के लायक बनाया जाता है, इसमें ट्रैक्टर मोटर कार चलते हैं। लेकिन कटघोरा के बीच अहिरन नदी पर पतरापाली को जोड़ने के लिए पुल का निर्माण कराया गया था।
बता दें कि 2 साल पहले 33 करोड़ लागत से कटघोरा बाईपास का निर्माण किया गया। यह पुल बीच में आ गई निर्माण एजेंसी पीडब्ल्यूडी ने नया पुल बनाने का प्रस्ताव ही नहीं दिया। जिसके कारण पुल से होकर भारी वाहन चलने लगे हैं। नतीजतन क्षतिग्रस्त हो गया है। इस मार्ग का उपयोग आसपास के गांव के लोग भी करते हैं, बाईपास सुतर्रा से जेन्जरा होते हुए चकचकवा पहाड़ के किनारे से अंबिकापुर रोड पर मिलती है। इसकी लंबाई लगभग 16 किलोमीटर है, लेकिन क्षतिग्रस्त होने से कभी भी रोड को बंद करना पड़ सकता है अभी कुसमुंडा खदान से कोयला लेकर जाने वाले भारी वाहनों को भी इसी मार्ग से चलाया जा रहा है। अब देखने वाली बात होगी कि जिम्मेदार विभाग इस पुल की मरम्मत कब तक करेगा।