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आईआईटीएम के निदेशक संदीप कुलश्रेष्ट की नियुक्ति निरस्त

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Aug 28, 2019

विनोद शर्मा : मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने देश के प्रतिष्ठित संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म एंड ट्रेवल मैनेजमेंट (आईआईटीएम) के निदेशक संदीप कुलश्रेष्ट की नियुक्ति को निरस्त कर दिया है। साथ ही उनकी नियुक्ति को लेकर केद्र सरकार के द्वारा जो OIC नियुक्त किए गए थे। उनके खिलाफ CBI जांच के आदेश दिए है। साथ ही कोर्ट ने संदीप कुलश्रेष्ट पर 20 हजार रूपए की कॉस्ट लगाई है और उनके द्वारा 2014 से निदेशक के पद पर रहते हुए जो सैलरी ली गयी है। उसकी रिकवरी करने के आदेश भा हाईकोर्ट ने दिए है। 

दरअसल मनोज प्रताप सिंह यादव ने 2016 में एक याचिका दायर की है, इसमें उन्होंने कहा था कि आईआईटीटीएम के निदेशक संदीप कुलश्रेष्ठ की नियुक्ति को अवैध बताते हुए उसे निरस्त करने की मांग की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर संदीप कुलश्रेष्ठ ने इस पद पर नियुक्ति पाई है। जबकि संदीप कुलश्रेष्ट के पास योग्यता नही है, ऐसे में उनके खिलाफ फर्जी दस्तावेजों से नौकरी हासिल करने की जांच चल रही है। जिसको लेकर मामला 2016 में हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में भी पहुंच गया था। इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से भी जबाब पेश किया। जिसमें कोर्ट के समाने ये भी बात समाने आयी है, इस मामले में चार OIC आएं है। जिन्होनें फर्जी दस्तावेज पेश किए है, ऐसे में कोर्ट ने उनके खिलाफ भी CBI जांच के ऑर्डर दिए है। साथ ही तत्काल प्रभाव से संदीप कुलश्रेष्ट के ऑफिस को सील कर दिया गया है। इस केस में खास बात ये है कि याचिकाकर्ता ने इस केस को बिना वकील खुद लड़ा है जिसमें आज उसे जीत हासिल हुई है।