Nov 15, 2025
छत्तीसगढ़ में धान खरीदी संकट: हड़ताल पर एस्मा लागू, कर्मचारियों को 48 घंटे का अल्टीमेटम
छत्तीसगढ़ सरकार ने धान खरीदी प्रक्रिया को सुचारू रखने के लिए सख्त कदम उठाया है। प्रदेश में धान उपार्जन केंद्रों पर कर्मचारियों की हड़ताल से किसानों को हो रही परेशानी को देखते हुए सरकार ने आवश्यक सेवा संरक्षण अधिनियम (एस्मा) लागू कर दिया। साथ ही हड़ताल पर गए कर्मचारियों को दो दिन के अंदर काम पर लौटने का अल्टीमेटम दिया गया है। यह कदम रबी सीजन की धान खरीदी को समय पर पूरा करने के लिए उठाया गया है।
हड़ताल का कारण और प्रभाव
कर्मचारी संगठनों ने वेतन विसंगति, पदोन्नति और कार्य भार जैसे मुद्दों को लेकर हड़ताल शुरू की थी। इसके चलते कई उपार्जन केंद्रों पर धान तौल और भुगतान का काम ठप हो गया। किसान लंबी कतारों में इंतजार करने को मजबूर हैं। सरकार का कहना है कि हड़ताल से खरीफ फसल की खरीदी प्रभावित हो रही है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था और किसानों की आय के लिए गंभीर खतरा है।
एस्मा लागू और अल्टीमेटम
एस्मा लागू होने के बाद हड़ताल अवैध घोषित कर दी गई है। अब कोई भी कर्मचारी बिना अनुमति काम छोड़कर नहीं जा सकता। सरकार ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि 48 घंटे में काम पर न लौटने वाले कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई, निलंबन और वेतन कटौती जैसे कदम उठाए जाएंगे। साथ ही वैकल्पिक व्यवस्था के तहत अन्य विभागों के कर्मचारियों को तैनात करने की तैयारी की जा रही है।
किसानों की चिंता और आगे की रणनीति
किसान संगठनों ने सरकार के कदम का स्वागत किया है, लेकिन मांग की है कि खरीदी प्रक्रिया में पारदर्शिता और तेजी लाई जाए। सरकार ने आश्वासन दिया है कि सभी पात्र किसानों का धान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा। उपार्जन केंद्रों पर निगरानी बढ़ाई गई है।
यह कार्रवाई धान खरीदी को निर्बाध बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।







