Sep 13, 2018
पुरूषोत्तम पात्रा : गरियाबंद की बिन्द्रानवागढ विधानसभा सीट पर जीत हासिल करना कांग्रेस के लिए एक बडी चुनौती है, पार्टी यहां से लगातार दो चुनाव हार चुकी है, मगर पार्टी इस बार जीत हासिल करने के लिए कोई कोर कसर बाकी छोडना नही चाहती, इसके फिलहाल पार्टी के सामने सबसे बडी चुनौती योग्य प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारने की है। बिन्द्रानवागढ में 10 साल से वनवास काट रही कांग्रेस ने इस बार जीत हासिल के लिए कमर कस ली है, कार्यकर्ताओं की माने तो बाहरी प्रत्याशियों के कारण पार्टी को यहॉ से लगातार दो बार हार का सामना करना पडा, यही नही कार्यकर्ताओं का दावा है कि यदि इस बार भी किसी बाहरी प्रत्याशी को मैदान में उतारा गया तो पार्टी को एक बार फिर निराशा का मुंह देखना पड सकता है,
यह सीट अनुसुचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है, कार्यकर्ताओं की माने तो इस बार यहॉ पार्टी की स्थिति पहले से कही बेहतर है, पार्टी के 16 लोगो ने इस बार टिकट के लिए दावेदारी पेश की है, मगर पार्टी के कार्यकर्ता युवा चेहरे को प्रत्याशी बनाये जाने के पक्ष में नजर आ रहे है। पार्टी की जीत के लिेए बुधवार को स्क्रीनिंग कमेटी की टीम भी टिकट के दावेदारों और कार्यकर्ताओं को टटोलती नजर आयी, टिकट वितरण से पहले टिकट के सभी दावेदारों में सामंजस्य स्थापित करने की कोशिश की गयी, किसी एक को टिकट मिलने पर टिकट के बाकी दावेदारों को एकजुट होकर चुनाव लडने की शपथ दिलाई गयी।
वैसे तो बिन्द्रानवागढ विधानसभा पर कभी भाजपा तो कभी कांग्रेस ने जीत हासिल की है, मगर पिछले 10 साल से यह सीट भाजपा के कब्जे में है और फिलहाल भाजपा के गोवर्धनसिंह मांझी यहॉ के विधायक है, ऐसे में देखने वाली बात होगी कि पार्टी पुरानी गलतियों से क्या सबक लेती है