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फर्जी नक्सल मुठभेड़ में गृह सचिव और डीजीपी को हाईकोर्ट का नोटिस

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Jan 7, 2017

बिलासपुर। हाईकोर्ट ने बस्तर के कोंडागांव जिले में फर्जी मुठभेड़ के मामले में राज्य शासन, डीजीपी, गृह सचिव समेत अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। लखापुरी थाना मर्दापाल निवासी कचरी बाई ने अधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। इसमें कहा है कि 24 नवंबर 2016 की रात करीब 9 बजे ग्राम नाहकानार निवासी मनारू और ग्राम एहकेली निवासी मेघनाथ उसके घर आए और पति बालसिंह को अपने साथ ले गए।

27 नवंबर को ग्राम पंचायत लखीपुरी से कचरी बाई को जानकारी मिली कि पुलिस मुठभेड़ में उसके पति की मौत हो गई है। 27 नवंबर को मर्दापाल पुलिस ने ग्रामीणों के सामने पति के शव को सौंपा। पुलिस ने मृतक को नक्सली बताया। पुलिस ने पूर्व में भी बालसिंह को नक्सली बताकर जेल दाखिल किया था। 30 जुलाई 2016 को न्यायालय ने उसे दोषमुक्त करते हुए रिहा करने का आदेश दिया था।

इसके बाद से पुलिस उसके पति बालसिंह के पीछे पड़ी थी। याचिका में कहा गया कि पुलिस कर्मियों ने हत्या कर उसे नक्सली बताया है। इस मामले को लेकर स्थानीय विधायक सहित नागरिकों ने अपराध दर्ज करने की मांग शासन से की थी। इसके बावजूद अपराध दर्ज नहीं किया गया है। याचिका में मृतक को ले जाने वाले मेघनाथ और मनारू सहित अन्य के खिलाफ जुर्म दर्ज करने, परिजनों को शासकीय नौकरी व 25 लाख रुपए मुआवजा दिलाने की मांग की गई। हाईकोर्ट ने याचिका में प्रारंभिक सुनवाई के बाद राज्य शासन, डीजीपी, गृह सचिव, कोंडागांव एसपी, मर्दापाल टीआई सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।