Loading...
अभी-अभी:

सूखे की मार झेल रहे किसानों पर आई अब कर्ज पटाने की समस्या

image

Dec 3, 2018

संदीप सिंह ठाकुर : एक तरफ किसान अपने साल भर की मेहनत से उगाई फसल की कटाई में लगे है उसकी मिसाई कर संग्रहण केंद्रों में ले जाकर बेच रहे है, वहीं जिले के लोरमी विकासखंड में कुछ किसान ऐसे भी है जिनके खेतो में अन्न का एक दाना भी नही हुआ ये किसान सूखे की मार झेल रहे है। पानी की कमी ने इनके फसल को चौपट कर दिया,कुछ किसान ऐसे भी है जिन्हें सूखे की वजह से पूरे साल खाने के लिए भी तरसना पड़ सकता है। वहीं कृषि विभाग के अधिकारीयों की माने तो लोरमी में कम बारिश के चलते लगभग 2900 किसान सूखे की मार से जूझ रहे है जिसमे सबसे ज्यादा वनांचल क्षेत्र के किसान प्रभावित हुए हैं।

मुंगेली जिला इस बार भी सूखे की मार झेल रहा है जहां पिछले दो वर्षों में कम बारिश होने से यहां के किसान सूखे की मार झेल रहे है वहीं खेत में फसल नही होने से अब किसानों के सामने कर्ज पटाने की भी समस्या खड़ी हो गई है। लोरमी विकास खण्ड की बात करे तो 2400 हेक्टेयर में अल्प वर्षा से सूखे की स्थिति निर्मित हुई है जहां किसानों का धान पानी की कमी के चलते सुख गया मुंगेली जिले का एकमात्र बांध खुड़िया में मनियारी जलाशय जिससे पूरे जिले के किसानों को फसल के लिए पानी दिया जाता है वो लोरमी में है। वहीं कम बारिश के चलते बांध में भी जल भराव कम हुआ है जिसकी वजह से नहरों से भी किसानों को पानी कम दिया गया। किसानों ने बताया की खेती करने के लिए वे बैंको से बीज और खाद के लिए कर्ज लेते है जो फसल होने के बाद किसान जब अपना धान बेचते है तब बैंक अपना कर्ज किसान से वापस ले लेती है।अब ऐसे में जब किसान की फसल ही नही हुई है तो बैंक का कर्ज पटाना किसानों के लिए एक बड़ी समस्या बन गई है।

दूसरी तरफ किसानों का ये भी कहना है की सरकार फसल बीमा की बात करती है और 
किसान से फसल बीमा के प्रीमियम की राशि उनसे काट ली जाती है लेकिन फसल बर्बाद होने के बाद भी उन्हें बीमा की राशि नही मिलती किसानों ने बताया की फसल बीमा की प्रीमियम की राशि तो पिछले वर्ष भी काट ली गई थी लेकिन फसल बर्बाद होने के बाद उसके बीमा की राशि का भुगतान आज तक नही हो पाया ऐसे में सरकार की फसल बीमा की योजना पूरी तरह से फ्लॉप नजर आ रही है। पूरे जिले में किसान सूखे की मार से जहां त्रस्त है तो वही कृषि विभाग में जिले के अधिकारी सर्वे रिपोर्ट आने के इन्तेजार में बैठे है अभी तक उनके पास सूखे को लेकर कोई आंकड़ा ही नही है जबकि लोरमी तहसील के अधिकारी सितम्बर माह में ही सर्वे कर लेने की बात कह रहे है।