Loading...
अभी-अभी:

सरकार की ऋण माफी नीति का असर अब धरातल पर, 9 हजार नये किसानों ने कराया पंजीयन

image

Nov 7, 2019

पुरूषोत्त्म पात्रा : गरियाबंद जिले में पूर्ववर्ती सरकार की वन अधिकार पट्टा योजना और वर्तमान सरकार की ऋण माफी नीति का असर अब धरातल पर साफ देखने को मिल रहा है। इस साल जिले में समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए लगभग 9 हजार नये किसानों ने अपना पंजीयन कराया है यही नहीं लगभग धान का रकबा भी 6 हजार हेक्टेयर बढ़ गया है।

अधिकारियों ने बताई वजह...
अधिकारियों ने इसके पीछे दो वजह बतायी है, पहली वजह वन अधिकार पट्टा है और दूसरी वजह ऋण माफी की है। जिले में बड़े पैमाने पर वन अधिकार पट्टा का वितरण हुआ है जिससे नए किसान और फसल का नया रकबा बढा है। इसके अलावा ऋण माफी के बाद डिफाल्टर की श्रेणी से बाहर निकले किसानों की संख्या और उनकी जमीन का रकबा भी शामिल हुआ है।

छह हजार हेक्टेयर रकबा कम 
हालांकि एक हैरान कर देने वाली बात भी इस बार सर्वे में सामने आयी है। किसानों ने पिछले साल जितने रकबे का पंजीयन कराया था इस बार उस रकबे में से साढ़े छह हजार हेक्टेयर रकबा कम हुआ है, यानी पिछले साल इस रकबे पर धान होना बताया गया था मगर इस बार इस रकबे पर धान देखने को नहीं मिला। राजस्व विभाग द्वारा मौक पर इस बार मौके पर पहुंचकर की गयी गिरदावरी में इस बात का खुलासा हुआ है। इसीलिए ये कहना गलत नही होगा कि तकरीबन 59 करोड़ का धान पिछले साल फर्जी तरीके से समितियों में खपाया गया था जो इस बार राजस्व विभाग की सही गिरदावरी होने से बच जाएगा।