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गरियाबंद के जंगलों में लाखों की दवाई फेंकने का मामला सामने, अभी तक नहीं हुई जांच

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May 7, 2019

पुरूषोत्तम पात्रा : गरियाबंद में 14 अप्रैल को जंगल में लाखों रुपये की दवाई फेंकने के मामले की जॉच का अबतक कोई अता पता नहीं है, मामला सामने आने के तत्काल बाद जिला स्वास्थ्य विभाग ने जिस तरह एक फार्मासिस्ट और एक स्टोर कीपर पर कार्यवाही करके वाहवाही लूटी थी, उतनी दिलचस्पी विभाग मामले की जॉच में नही ले रहा है।

जबकि मामला सामने आने के तुरंत बाद पॉच सदस्यीय एक टीम बनाकर 15 दिन में जॉच करने के निर्देश जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किये गये थे, मामले को 15 दिन से ज्यादा का समय बीत चुका है, मगर अबतक जॉच पुरी नहीं हुयी। यही नहीं अब खुद जिम्मेदार अधिकारियों ने जॉच में समय लगने की बात कहना शुरु कर दिया है।

गौरतलब है कि 14 अप्रैल को जिला मुख्यालय से महज 4किमी दूर कोदोहरदी के जंगल में विभाग द्वारा लाखों रुपये की दवाई फैंकने का मामला सामने आय़ा था, मीडिया में खबर दिखाये जाने के बाद विभाग ने ना केवल दवाईयों को वहॉ से उठाया बल्कि जॉच के आदेश भी जारी किये थे, वाहवाही लूटने के लिए दो छोटे कर्मचारियों पर निलबंन और वेतन वृद्धि रोकने की कार्यवाही भी की थी, मगर दवाई क्यों फैंकी गयी, किसके कहने पर फैंकी गयी, क्या इन दवाईयों को अनावश्यक रुप से खरीदा गया था, एक्सपायरी होने के कितने दिन पहले खरीदा गया था, ये वो तमाम सवाल है जिनके सामने आने के बाद असली गुनहागार के चेहरे भी सामने आ जायेगें, शायद अब इसी डर से विभाग ने जॉच में लीपापोती करनी शुरु कर दी है, हालांकि सीएचएमओ ने एक बार फिर जॉच जल्द पूरी होने का भरोसा दिलाया है।